महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 23 जनवरी। यह सोरिद से ग्राम बनसिवनी जाने वाली ढाई किलोमीटर की दूरी वाली सडक़ है। ग्राम बनसिवनी में केवल प्राथमिक स्कूल है। लिहजा यहां के बच्चे माध्यमिक एवं हाईस्कूल की पढ़ाई करने के लिए सोरिद जाते हैं। सडक़ की हालत इतनी खराब है कि बारिश होने पर छात्र-छात्राओं को पुलिया के बगल में बनी दीवार के ऊपर चढक़र जाना पड़ता है। बारिश होने या फिर बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी आवागमन में होती है।
जानकारी के मुताबिक इस सडक़ की स्वीकृति 2012 में होने के बाद इसका निर्माण 2014 में हुआ था। कुल 189.90लाख रुपए की लागत से बनी यह सकड़ अब पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं। ग्रामीण कहते हैं कि इसकी एक बार भी मरम्मत नहीं हुई है।
अब तो इसकी मेंटनेंस की मियाद भी खत्म हो चुकी है। ग्राम बनसिवनी से सोरिद तक बनाए गए ढाई किमी सडक़ में एक-दो फुट गहराई के बड़े-बड़े गड्ढे हैं। इस मार्ग का प्रयोग चार गांवों के ग्रामीण आवाजाही के लिए करते हैं। महासमुंद मुख्यालय जाने के लिए यह शार्टकट रास्ता है। मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनादि दानी का कहना है कि रोड की स्वीकृति 2012 में हुई थी। 2014 में रोड का निर्माण कराया गया है। इस मार्ग के मरम्मत के लिए इस्टीमेट बनाकर भेजा गया है।
ग्रामीण कहते हैं कि सडक़ निर्माण के बाद तीन साल तक मरम्मत हुआ और वर्ष 2019 में इस सडक़ की मियाद खत्म हो गई। दूसरे रास्ते से स्कूल जाना मुमकिन नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि चार से पांच सालों से सडक़ का यही हाल है। रास्ते से तमाम अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि भी आते जाते हैं, पर कोई सुध लेने वाला नहीं है। मार्ग में गड्ढे होने के कारण किसानों को खरीदी केंद्र में धान ले जाने में परेशानी होती है। दो तीन दिन पूर्व ट्रैक्टर से धान लेकर खरीदी केंद्र जा रहे थे, उसी दौरान ट्रैक्टर का चक्का गड्ढे में फंस गया और धान से भरी ट्रॉली पलट गई थी।