गरियाबंद

राजिम मेले में हस्ताशिल्प उद्योग का स्टॉल कर रहा आकर्षित
18-Feb-2022 4:33 PM
राजिम मेले में हस्ताशिल्प उद्योग का स्टॉल कर रहा आकर्षित

हस्तशिल्प उद्योग का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षण देकर रोजगार देना है

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 18 फरवरी।
माघी पुन्नी मेला में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम नागरिकों को हो सकें इसके लिए विभिन्न विभाव द्वारा शासकीय स्टॉल लगाया गया है। शासकीय स्टॉल छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड में सभी मेलार्थियों को योजनाओं के बारे में जानकारी दिया जा रहा है।

माघी पुन्नी मेला के दूसरे दिन इस स्टॉल में जुटी भीड़ हाथों से निर्मित सुंदर आकर्षक समानों के बारे में जानने के लिए उत्सुक नजर आए। हस्तशिल्प विकास बोर्ड के प्रभारी एच.बी. अंसारी ने बताया कि हम विगत कई वर्षो से मेले में प्रदर्शनी लगाते है और योजनाओं को अधिक से अधिक लोगों को बताकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास करते है। हस्तशिल्प उद्योग का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षण देकर रोजगार देना और सामग्री का अधिक से अधिक क्रय करना है, जिससे आर्थिक पक्ष मजबूत हो।

मार्केटिंग से जोडऩा और देश के विकास में सहयोग प्रदान करना है। हस्तशिल्प के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड छत्तीसगढ़ शासन का एक उपक्रम है। इसके द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बहुतायत शिल्पकार इस हस्ताशिल्प उद्योग से रोजगार प्राप्त कर रहे है। परंपरागत हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण, तकनीकि डिजाईन कार्यशाला एवं विपणन गतिविधियों के माध्यम से योजना संचालित की जाती है। छत्तीसगढ़ प्राचीन हस्तशिल्प कलाओं की धरोहर है। प्रदेश में वर्तमान में लगभग 14 प्रकार के शिल्प कलाएं प्रचलित है, जिसमें मुख्यत: शिल्पों में ढोकरा, लौह, पत्थर, मिट्टी, काष्ठ एवं बांस शिल्प  है।

इसके अतिरिक्त कौड़ी, जुट, पारंपरिक, गोंदना शिल्प, आदिवासी पेटिंग एवं भित्ती शिल्प आदि प्रमुख है। छत्तीसगढ़ शासन का प्रतिवर्ष माघी पुन्नी मेले में इस स्टॉल को लगाने के पीछे उद्देश्य यह है कि गरीब से गरीब लोग इस योजनाओं को जाने, सीखें, समझे और कुछ करने के लिए उत्साहित हो। कई बार जानकारी के अभाव में वे कुछ भी कार्य नहीं कर पाते। इसलिए हस्तशिल्पियों को उन्नत औजार उपकरण अनुदान उपलब्ध कराना। परंपरागत एवं गैर परपरागत शिल्पियों को राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय बाजार की बदलती मांग से अवगत कराने के लिए तकनीकी एवं रूपांकन सहायता प्रदान करना।

देश के लुप्तप्राय शिल्प को पुर्नजीवित कर उसका संरक्षण एवं सवंर्धित करना शासन का मुख्य उद्देश्य है। इस हस्तशिल्प उद्योग में शासन की योजनाओं के अनुरूप स्वरोजगार के लिए दिया जाता है। प्रशिक्षण इस स्तर का होना चाहिए कि शिल्पी खुले बाजार में अपने प्रतिद्वन्दियों से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो सके। इस उद्योग के लिए विभिन्न विकास योजना के अंतर्गत अनुदान दिया जाता है। जिसमें जॉबवर्क एवं संग्रहण, अध्ययन प्रवास, तकनीकि डिजाईन एवं मार्गदर्शन, शिल्पियों को मासिक आय सहायता, हस्तशिल्पी में कार्यशील पूंजी अनुदान सम्मिलित है। इसका प्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रधान कार्यालय छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड, छत्तीसगढ़ हॉट पंडरी रायपुर है, जहां लोग और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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