गरियाबंद

रविवार को राजिम मेला में उमड़ी भीड़
21-Feb-2022 7:11 PM
रविवार को राजिम मेला में उमड़ी भीड़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजिम, 21 फरवरी। माघी पुन्नी मेला के पांचवे दिन की रविवार को भारी भीड़ रही। मेला में इस बार सडक़ों की चौड़ाई बढ़ा दी गई है। आस्था धर्म एवं आध्यात्म का संगम धरा में श्रद्धालुगणों का सुबह से ही आना जाना शुरू हो गया था। रविवार छुट्टी का दिन होने के कारण आस्था का सैलाब उमड़ गई थी। मीना बाजार क्षेत्र में खचाखच भीड़ देखने को मिली। दुकानों में सामानों की बिक्री खूब हुई। आकाश, ब्रेक डांस, टोराटोरा, डिजनी लैण्ड, क्राफ्ट बाजार, मौत का कुंआ सहित पूरे मेला मैदान दुकाने सजी हुई है। जिस पर मेलार्थी जरूरत के सामनों को खरीद कियए तथा खाद्य पदार्थ वाले स्टॉल में स्वादिश्टि व्यंजनों का आनंद भी ले रहे थे। कहना होगा कि मेला मैदान में अलग-अलग गलियां हैं और इस तरह से 3 किलोमीटर का फासला यहीं से तय करना पड़ रहा है। यहां से सीधे चलते हुए संगम में लंबे चौड़े वर्गाकार क्षेत्रफल में फेले मेला का स्वरूप आज अपने पूरे सबाब पर था।

मंदिरों में रही भीड़

राजिम के प्रमुख मंदिर भगवान श्रीराजीव लोचन, श्रीकुलेश्वरनाथ महादेव, लोमष ऋषि आश्रम, पवन दीवान आश्रम, सोमेश्वरनाथ महादेव, मांमा भांचा मंदिर, भूतेश्वनाथ महादेव मंदिर, राजिम भक्तिन माता मंदिर, साक्षी गोपाल, बाबा गरीबनाथ, लक्ष्मीनारायण मंदिर, दत्तात्रेय मंदिर, मां महामाया मंदिर, तुलजा भवानी मंदिर, गुरूघासीदास मंदिर आदि में दर्शन पूजन एवं अनुष्ठान करने के लिए लोग पहुंचते रहे और अपने मन की मुरादे श्रद्धालुओं ने प्रकट की।

ओखरा खरीदने बारी का इंतजार किया 

राजिम मेला के प्रमुख मिठाई ओखरा खरीदने के लिए लोगों ने अपने बारी का इंतजार करते रहे। यहां उड़ीसा से ओखरा लेकर व्यापारी पहुंचे हुए है। इनके अलावा देवभोग व अन्य क्षेत्रों से भी आये हुए है। भीड़ बढऩे के साथ ही खरीददारी भी जमकर हुई। आज रविवार को उनके लिए भी संडे फनडे रहा।

संगम नदी में स्नान किया

की सुविधा दी जाती है। सखी वन स्टॉफ सेंटर का मुख्य उद्देश्य घर व बाहर किसी भी रूप में पीडित व संकटग्रस्त महिला को एक ही छत के नीचे सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराना है। जरूरतमंद महिलाओं को समय पर उचित चिकित्सा प्रदान करना है। विधिक, मनोवैज्ञानिक, मनोचिकित्सक, परामर्श और सुविधा देना और महिलाओ को मजबूत बनाना है। आज भी जानकारी के आभाव मे दूर-दराज आदिवासी ग्रामीण और अशिक्षित क्षेत्र में अधिकांश महिलाएं अपने अधिकारों के लिए लड़ नहीं पाती और उन्हे शोषण का शिकार होना पड़ता है। आगे जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार कि समस्या व समाधान के लिए महिला हेल्प लाईन टोल फ्री नम्बर 181 डायल करे।

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