गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 23 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला के मीना बाजार में लगे क्राफ्ट बाजार की रौनक देखते ही बन रही है। एक ही स्थान पर कास्ट के बने आकर्षक टोकरी, पेन स्टेण्ड, कुर्सी, सोफे, चुड़ी, फ्लावर व खाद्य सामग्री का स्टॉल लगा हुआ है तथा यहां लगे एक से बढक़र एक झूले लोगों को स्वत: अपनी ओर आकर्षित करती नजर आ रही है। नागपुर से आए तेजराम ने बताया कि वह भी पूजा थाली कवर का स्टॉल लगाए हुए है। जिसमें बहुत ही सुंदर रंगों के थाली कवर को अपनी दुकान में रखे हुए है। उन्होंने बताया कि यह थॉली कवर ऊनी धागे से मषीन द्वारा तैयार किया जाता है। यह छूने में बहुत ही साफ्ट था, इसका कलर बहुत ही खूबसूरत दिखाई दे रहा था। इनके पास थाली कवर के अलावा गेट झालर भी लगा हुआ था जो बहुत ही आकर्षक दिखाई दे रहा था।
बबल्स फुलाकर युवतियां हुई आनंदित
मेले में तरह-तरह की दुकानें सजी हुई है। वहीं एक ओर बबल्स की दुकान में कुछ युवतियां बबल्स फुलाके बहुत ही खुश नजर आ रही थी। एक ओर आज के आधुनिक युग के चकाचौंध में हम अपनी पुरानी खेलों को लुप्त होते देख रहे है। वहीं मेले में आज बच्चों के साथ-साथ बड़ी बच्चियों को खिलौने के रूप में बबल्स फुकते देख बचपन के खेल की याद आ गई। धमतरी से मेला घुमने आयीं सुभद्रा सोनी ने बताया कि हमें इस मेले में बहुत ही मजा आ रहा है, हमने यहां विलुप्त होते खिलौनों जैसे फिलफिली, रेलगाड़ी, भौंरा, बांटी को आधुनिक रूप में देखा है, जो मजा बचपन के खेल-खिलौने खेलने में है वह और किसी में नहीं। हम मेले में घूम-घूमकर सभी चीजों की आनंद ले रहे है।
झूला झूले, मौत का कुंआ देखे, आईस्क्रीम खाए और हमें यह बबल्स का खिलौना आधुनिक रूप में देखकर बहुत ही अच्छा लगा यही रूक गये और दुकानदार से इसके बारे में जानकारी ली और सभी सहेलियां मिलकर एक साथ बबल्स फूकने के बाद जो दृष्य दिखाई दिया वह बहुत ही मनमोहक लगा जैसे आसमान के टिमटिमातें तारे जमीन पर उतर रहे हो।