गरियाबंद
राजिम, 23 फरवरी। माघी पुन्नी मेला में पुण्य स्नान हेतु कुण्ड का निर्माण किया गया है। इसमें श्रद्धालुगण प्रमुख पर्वों में पुण्य स्नान करते हैं। इस वर्ष 16 फरवरी माघी पूर्णिमा लाखों श्रद्धालुगण पुण्य स्नान में शामिल हुए। गुरूवार 24 फरवरी को जानकी जयंती के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण पुण्य स्नान में भाग लेंगे। इसी प्रकार 01 मार्च महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण्य पुण्य स्नान करेंगे।
24 फरवरी को जानकी जयंती के दिन माता सीता का जन्मदिन मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता सीता राजा जनक को पुत्री के रूप में मिली थी। पौराणिक कथा के अनुसार माता सीता के जन्म की कई कथाएं प्रचलित है। ऐसा भी माना जाता है कि भगवान राम और माता सीता ने एक ही नक्षत्र में जन्म लिया था।
जानकी जयंती को सीता अष्टमी भी कहा जाता है। जानकी जयंती पर उपवास करने और पूजा पाठ करने से व्यक्ति को जमीन दान के साथ-साथ सोलह तरह के महत्वपूर्ण दानों का फल प्राप्त होता है। शास्त्रों में लिखा है कि जानकी जयंती के दिन जो भी महिला उपवास करती है, उसे माता सीता की कृपा प्राप्त होती है। उस स्त्री के पति को माता सीता लंबी आयु का वरदान देती हैं। निसंतान दम्पत्तियों के लिए भी जानकी जयंती पर किया गया व्रत किसी आशीर्वाद कम नहीं। ऐसा माना गया है कि इस दिन व्रत करने से दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है।