गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 23 फरवरी। प्रसिद्ध श्री राजीव लोचन मंदिर में मेला शुरू होने के बाद से रविवार को बेतहासा भीड़ देखने को मिली। सोमवार को सुबह से ही दर्शनार्थीगण पहुंचे और दर्शन-पूजन आदि कृत्य करते रहे। मंदिर परिसर में भक्तगण श्रीराजीव लोचन के जयकारा लगाते रहे। लोग मंदिरों मे उत्कीर्ण कलानक्काशी को देखकर अभिभूत हो गये। यहां महामण्डप पर दो शीलालेख मौजूद है। परिक्रमा पथ के लिए अलग से स्थान दिया गया है। भगवान विष्णु का यह मंदिर पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। यहां के आटिका प्रसाद की स्वादिष्टता का बखान लोग करते नहीं थकते। यह बात अलग है कि महंगाई के चलते पहले दस रूपया में तीन नग मिलते थे। उसके बाद दो नग देने लगेे। वर्तमान में एक ही नग मिल रहे है।
प्रयाग नगरी में 84 मंदिर
बताया जाता है कि छश्रीसगढ़ के प्राचीन प्रयाग नगरी राजिम में कुल 84 मंदिर है। प्रत्येक मंदिरों मे दर्शनार्थी पहुंच रहे है। सीताबाडी में हुई खोदाई से इस शहर की प्राचीनता प्रमाण मिलता है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूवात राजगीत से
राजिम माघी पुन्नी मेला में होने वाले प्रत्येक कार्यक्रमों की शुरूवात छश्रीसगढ़ के राजगीत से हो रही है। सुबह 11 बजे से श्री कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर के सामने सांस्कृतिक मंच क्रमांक दो, मुख्य सांस्कृतिक मंच, डोम में लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों का कार्यक्रम आदि में राजगीत प्रस्तुत होते हैै। इससे इस गीत के प्रति लोगों की श्रद्धा बढ़ गई है।