गरियाबंद
मोको कहां ढूंढे बंदे मैं तो तेरे पास में-कबीर मिशन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। राजिम माघी पुन्नी मेला के संत समागम में सदगुरू कबीर विश्व शांति मिशन (छत्तीसगढ संत संगठन) द्वारा लोगों को शांति का संदेश दिया। इस अवसर पर संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के ओएसडी गिरीश बिस्सा सहित अभिषेक पाठक संतो के साथ बैठकर भजन कीर्तन आनंद लिया। आचार्य श्रवणकुमार साहेब ने बताया कि अभी भी 5 सौ से अधिक संख्या में कबीर संत पहुंच चुके हैं। एक दो दिनों में बड़ी संख्या में कबीर संत पहुंच जाएंगे। संत घनश्याम साहेब मंदरौद ने सभा का संचालन करते हुए कहा कि सदगुरू कबीर विश्व शांति मिशन छतीसगढ़ के 120 से अधिक आश्रम को जोडक़र संगठन बना हुआ है जो विरक्त संतो का संगठन है जिनका मूल उद्देश्य कबीर की वाणी से प्रेममय शांतिमय, नशा मुक्ति समाज की स्थापना करना।
मिशन के अध्यक्ष संत रविकर साहेब ने कहा कि कबीर शास्वत शांति के उद्घोषक और मानवीय एकता के मसीहा है जिन्होंने निडरता के साथ सत्य, यथार्थ को स्पष्ट रूप से संदेश देते हुए कहा है मोको कहां ढूंढे बंदे मैं तो तेरे पास में, घूंघट के पट खोल रे तोको पीव मिलेंगे। कबीर का मूल संदेश है जीव दवा और आत्म पूजा कहहि कबीर धर्म नहीं दूजा।
संत बलवान साहेब ने कहा कि नशा सेतन और मन के लिए समाज के लिए घातक है। संत कुमार साहेब ने कहा कि कबीर स्पष्टवादी है, जातिवाद सम्प्रदायवाद, अंध विश्वास, भेदभाव सभी पर कड़ा प्रहार किया। कार्यक्रम में साध्वी संतोषी, साध्वी मनी प्रभा आदि ने अपने विचार रखे। इस दौरान पावन साहेब ने मधुर भजन की प्रस्तुति की। इस अवसर पर संत जितेन्द्र साहेब, हेमेंद्र साहेब, निरसन साहेब, रामेश्वर साहेब, साध्वी प्रगति, साध्वी सेवती, साध्वी भागा, साध्वी साधना आदि उपस्थित रहे।