गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 1 मार्च । राजिम माघी पुन्नी मेला में श्रद्धा आस्था और संस्कृति के साथ-साथ लोगों को शासन की जनकल्याण कारी योजनाओं का भी बखुबी प्रदर्शित किया गया है। मुख्यमंच के पास विभिन्न विभागों द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रदर्शित करते हुए स्टॉल लगाए गए है। जो दूर-दराज क्षेत्र से आए और स्थानीय लोगों को खुब लुभा रही है।
शासन के कृषि उद्यानिकी, पशुधन, मछलीपालन विभाग द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी में सबसे ज्यादा किसान आकर्षित हो रही है। इसमें शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी को बेहरीन ढ़ंग से प्रस्तुत किया गया है। यहा किसानों द्वारा उत्पादित मुली, गोभी, टमाटर आदि फसल आकर्षण के केन्द्र बने हुए है। प्रदर्शनी के प्रभारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी है नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी।
यह सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। इसके लागू होने से राज्य में रोजगार के मौके ग्रामीण स्तर पर मिलना शुरू हो गया। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती का आधार है। राज्य में यह योजना लागू होने के बाद से भूजल के रिचार्ज में बढ़ोत्तरी, सिंचाई के जल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता, अर्गेनिक खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद तथा पशुओं की देखभाल व उनके लिए चारे की व्यवस्था हो रही है।
छत्तीसगढ़ में नालों को नरवा कहा जाता है, जिसमें बरसात के पानी को रोककर भूगर्भिय जल को रिचार्ज किया जाता है। उन्होंने बताया कि पशुओं के लिए डे-केयर सेंटर बनाये जा रहे है। जिसमें पशुओं की देखभाल की जाती है। घुरवा का मतलब गड्ढा, जिसमें गोबर को जमा किया जाता है जो उच्चकोटि की खाद बनती है और इसे किसानों को कम कीमत पर बेंची जाती है। बगीचा योजनो लाभार्थी के घर से सटा हुआ होता है जिसमें उच्चकोटि के पोषण के लिए फल तथा सब्जियां उगाई जाती है। इस विभाग की प्रदर्शनी बहुत ही सुंदर और आकर्षक है, जिसे देखने के लिए भीड़ जुटी रहती है और नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी की जानकारी सभी मेलार्थी ले रहे है।