राजनांदगांव

अविश्वास प्रस्ताव में गंवानी पड़ी गंडई नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी
21-Mar-2022 6:04 PM
अविश्वास प्रस्ताव में गंवानी पड़ी गंडई नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी

नवाज के सटीक रणनीति के सामने टिक नहीं पाई भाजपा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव/गंडई, 21 मार्च। गंडई नगर पंचायत अध्यक्ष श्यामपाल ताम्रकार को आखिरकार अविश्वास प्रस्ताव के चलते अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव में वह 11-4 मतों से बुरी तरह पराजित हो गए। 15 सदस्यीय नगर पंचायत में कांग्रेस और भाजपा के 11 पार्षदों ने उनके विरोध में वोट डाले। सिर्फ 4 पार्षदों ने ही उनके पक्ष में मतदान किया। इस तरह वह बहुमत साबित करने में नाकाम रहे और उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा।

गंडई एसडीएम सुनील शर्मा के प्रशासनिक देखरेख में आज सुबह तय समय के अनुसार सभी पार्षद मतदान के लिए पहुंचे। लगभग डेढ़ घंटे बाद आए नतीजों में अध्यक्ष ताम्रकार को अपनी कुर्सी छोडऩी पड़ी। गुजरे पखवाड़ेभर में यह दूसरा मौका है, जब भाजपा के पार्षदों ने ही अपने अध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेस को साथ लेकर अपने अध्यक्ष को पदच्युत किया है। इससे पहले छुईखदान में भी भाजपा को शहरी सरकार की सत्ता से बाहर होना पड़ा। गंडई नगर पंचायत की कमान सम्हाले श्यामपाल स्वतंत्र उम्मीदवार की हैसियत से निर्वाचित हुए थे।

कांग्रेस और भाजपा से 7-7 जीतकर बराबरी में थे। लिहाजा भाजपा ने निर्दलीय पार्षद ताम्रकार को अध्यक्ष बनने का मौका दिया और उन्हें जीत मिली। पिछले दो साल से उनके ही पार्टी के पार्षद नाराज थे। नगर पंचायत उपाध्यक्ष जावेद खान समेत अन्य पार्षदों ने ताम्रकार को हटाने के लिए कांग्रेस से हाथ मिला लिया। इस तरह गंडई अध्यक्ष ताम्रकार अविश्वास प्रस्ताव के सामने अपनी बहुमत सीट साबित नहीं कर पाए। नगर पंचायत सीएमओ प्रमोद शुक्ला और एसडीएम ने परिणाम की घोषणा की। नतीजे आने के बाद दोनों दल के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री समेत अन्य नेताओं के जिंदाबाद के नारे लगाए। इसी तरह अध्यक्ष के पक्ष में मतदान करने वाले पार्षदों के लिए कार्यकर्ताओं ने ईमानदार होने पर उनके समर्थन में नारे लगाए।  इस तरह आज गंडई नगर पंचायत अध्यक्ष का उनके ही पार्टी के पार्षदों ने तख्ता पलट कर दिया। इधर अध्यक्ष को पद से हटाने के अभियान में सहकारी बैंक अध्यक्ष नवाज खान की अहम भूमिका रही। अविश्वास प्रस्ताव लाने और उसे नतीजों में बदलने में उनकी सियासी पैतरेबाजी से भाजपा पूरी तरह से अनभिज्ञ रही।

कांग्रेस संगठन रहा गैर मौजूद

गंडई नगर पंचायत अध्यक्ष को हटाने की मुहिम में कांग्रेस संगठन की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय रही।  जिलाध्यक्ष पदम कोठारी इस राजनीतिक घटनाक्रम से दूर रहे। वह खैरागढ़ विधानसभा चुनाव के लिए खुद की उम्मीदवारी कर रहे हैं। वह टिकट के लिए जोरआजमाईस कर रहे हैं। गंडई नगर पंचायत से पूर्व छुईखदान में हुए अविश्वास प्रस्ताव में भी उनकी दिलचस्पी नहीं रही। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर रोष है कि संगठन की दिलचस्पी नहीं होने से राजनीतिक संदेश गलत जा रहा है। इधर पूरे सियासी दांवपेंच में जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष नवाज खान की सटीक रणनीति से भाजपा धरासाही हो गई। छुईखदान के बाद गंडई में अध्यक्ष को हटाने के पीछे  नवाज खान की सियासी चाल काफी कारगर साबित हुई। इस तरह भाजपा को अपने ही अध्यक्षों को बचाने में ठोस निर्णय लेने का मौका नहीं मिला।

मुख्यमंत्री के विकास की जीत-नवाज

जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष नवाज खान ने गंडई में अविश्वास प्रस्ताव के चलते अध्यक्ष की कुर्सी गंवाने के घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि नतीजे मुख्यमंत्री के विकास की जीत का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ समेत खैरागढ़ में मुख्यमंत्री ने विकास कार्य का जनता  के मन में स्थान बनाया है। मुख्यमंत्री की सकारात्मक सोच और उनके विकास के प्रति गहरे भाव को देखकर न सिर्फ राजनांदगांव बल्कि समूचे राज्य में भाजपा के पार्षद काफी प्रभावित हैं। गंडई क नतीजों से यह स्पष्ट हो गया है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा पार्षद अपने ही पार्टी के नीतियों से खफा हैं और वह कांग्रेस के साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं। श्री खान ने कहा कि निश्चित तौर पर इस नतीजे के सकारात्मक निर्णय खैरागढ़ उपचुनाव में पार्टी के लिए फायदेमंद होंगे। भाजपा अपने कुनबे को सम्हालने में नाकाम हो रही है। प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत है। यही कारण है कि भाजपा के पार्षद अपने अध्यक्षों से समर्थन वापस लेकर उसे धरासायी कर रहे हैं।

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