राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 मार्च। सुरगी समीपस्थ ग्राम आरला में सतगुरू सत्संग समिति एवं ग्रामीणों के तत्वावधान में 21 मार्च से तीन दिवसीय कबीर सत्संग समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
21 मार्च को मुख्य प्रवक्ता श्रद्धेय संत श्री प्रभाकर साहब ने कबीर सत्संग प्रवचन में कहा कि सत्संग में वही व्यक्ति जा पाते हैं या सुन पाते हैं जिनकी कुंडली जागृत होता है। सत्संग वह तीर्थ है, जिसमें डुबकी लगाने से तन, मन और वाणी सभी पवित्र होते हैं। जिसका सब पावन हो जाता है। उसका जीवन दिनचर्या ही पूजा बन जाता है। सद्गुरु कबीर साहेब का पादुरभाव काशी में हुआ था, जो भी कार्य करता हूं वह पूजा ही होता है। सत्संग वह तीर्थ गंगा है। जिसमें मनुष्य के ताप और संताप धूल जाया करते हैं। तन भी पवित्र हो, मन भी पवित्र हो, जीवन में पवित्रता होना चाहिए। गुरु का दिया गया ज्ञान अविनाशी होता है, जीवन में अच्छाइयों का चुनाव करें और गुणवान, धनवान, बलवान और संस्कारवान बने। सद्गुरु के विचार को जीवन में आत्मसात करें। सत्संग ही सबसे बड़ा तीर्थ है, उस में डुबकी लगाकर जीवन को भव से पार ले जाए।