राजनांदगांव
खैरागढ़ में लोधी फैक्टर हावी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 मार्च। काफी जद्दोजहद के बाद भाजपा ने खैरागढ़ विधानसभा के उपचुनाव के लिए पूर्व विधायक कोमल जंघेल को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है। प्रदेश के शीर्ष नेताओं द्वारा काफी मंथन किए जाने के बाद कोमल जंघेल के प्रति भाजपा ने विश्वास जताया है। कोमल लोधी समुदाय के बड़े चेहरे माने जाते हैं। उनके चुनावी मैदान में उतरने से कांग्रेस की यशोदा वर्मा को कड़ी टक्कर मिल सकती है। 2007 के उपचुनाव से कोमल ने राजनीतिक पारी की शुरूआत की थी। उसके बाद वह 2008 के विधानसभा में दोबारा चुनकर सदन में गए। हालांकि वह 2013 और 2018 के विस चुनाव में वह ल गातार दो बार पराजित हुए हैं, लेकिन उनकी जमीनी पकड़ बनी हुई है। खैरागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस के लोधी कार्ड खेलने के जवाब में भाजपा ने इसी समाज के चर्चित चेहरे कोमल जंघेल पर दांव खेला है। कोमल जंघेल को 2008 के भाजपा सरकार में संसदीय सचिव भी नियुक्त किया गया था। वह पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के विश्वासपात्र माने जाते हैं।
कोमल का पूर्व सीएम से व्यक्तिगत मधुर संबंध है। इधर आखिरी दौर में एक बार फिर विक्रांत के नाम पर चर्चा होने के बावजूद पार्टी ने कोमल जंघेल को ही मौका दिया है। खैरागढ़ उपचुनाव में कोमल पहले भाजपा के नेता हैं, जिन्हें संगठन ने 5 बार टिकट दिया है। विक्रांत सिंह को टिकट देने के लिए एक बड़ा वर्ग प्रयासरत था। माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के भांजा होने के कारण वंशवाद की राजनीति से बचने के लिए उनके नाम पर फैसला नहीं लिया गया। विक्रांत सिंह ने हर बार चुनावी राजनीति में अपनी काबिलियत को साबित किया है। इसके बावजूद उन्हें संगठन ने हर मौके पर नजर अंदाज किया है।
इस बीच कोमल जंघेल ने स्थानीय जिला पंचायत स्थित रिटॢर्नंग ऑफिसर के समक्ष नामांकन जमा किया है। कोमल जंघेल ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि संगठन के विश्वास पर खरा उतरने पूरी कोशिश करेंगे और क्षेत्र की जनता से उनका पुराना नाता रहा है। जिससे उन्हें भरोसा है कि उपचुनाव में फिर भाजपा के प्रति लोगों का भरोसा बना रहेगा।