राजनांदगांव
राजनांदगांव, 13 मई। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार द्वारा अपने संवैधानिक अधिकारों के अंतर्गत वन अधिकार अधिनियम 2006 में प्रावधानित सामुदायिक वन संसाधन (सीएफआरआर) तथा पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996 (पीईएसए) पर चयनित राज्यों में शोध एवं मूल्यांकन अध्ययन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार द्वारा नियुक्त सह अन्वेषक डॉ. गजेन्द्र गुप्ता एवं योगेश अडकिने तथा सचिव छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग केएस धु्रव द्वारा राजनांदगांव जिले के प्रवास के दौरान मोहला में बैठक आयोजित की गई।
बैठक में सह अन्वेषक डॉ. गजेन्द्र गुप्ता ने अध्ययन एवं मूल्यांकन के उद्देश्यों के बारे में बताया। उन्होंने सामुदायिक वन संसाधन (सीएफआरआर) प्रक्रिया और अधिकार प्राप्त होने के बाद की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी। बैठक में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मोहला एन. ललितादित्य, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास संतोष कुमार वाहने, अनुविभागीय अधिकारी (वन) मोहला एवं अन्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। राज्यों में शोध एवं मूल्यांकन अध्ययन के लिए नियुक्त टीम द्वारा तीन दिन के प्रवास के दौरान विकासखंड अंबागढ़ चौकी के सामुदायिक वन संसाधन ग्राम दुर्रेटोला एवं भूरसूसी का भ्रमण किया गया।
भ्रमण के दौरान ग्रामवासियों से भेंट कर दावा प्रक्रिया में ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी प्राप्त की गई। साथ ही दावा तैयार करने में आने वाली समस्या व उनके निराकरण के बारे में चर्चा की गयी। दावा स्वीकार होने के बाद की चुनौतियों पर अपनी बात रखी। राष्ट्रीय जनजाति आयोग द्वारा गठित दल का आभार व्यक्त करते भविष्य में प्राप्त जानकारी अनुसार कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया।