राजनांदगांव
प्रदीप मेश्राम
राजनांदगांव, 28 जून (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। जमीन में कम हो रहे पानी को संग्रहित करने के लिए अहम वैज्ञानिक पद्धति रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य रूप से लागू करने में पिछले 10 सालों में राजनंादगांव नगर निगम ने खास रूचि नहीं ली है। नतीजतन सरकारी और गैर सरकारी भवनों में सिर्फ एक दशक में 11 सौ रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था पुख्ता हो पाई है। ऐसे में रेन वाटर यानी बरसाती पानी को सहेजने की प्रशासनिक कोशिशें पूरी तरह से जमीनी स्तर पर विफल साबित हुई है।
साल दर साल बढ़ते तापमान से जमीन भी खूब तप रही है। लिहाजा जमीन से नमी और जल स्रोत भी गायब होने के कगार पर है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग को जमीनी जल संग्रहण के लिए एक सशक्त जरिया माना गया है। यह दीगर बात है कि निगम अमला रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लागू करने में रूचि नहीं ले रहा है। यही कारण है कि 2011 से लागू हुए रेन वाटर हार्वेस्टिंग कनेक्शन चुनिंदा सरकारी और निजी भवनों में व्यवस्थित किया गया है।
नांदगांव शहर में 213 शासकीय भवनों में पानी के बचाव के लिए इस तकनीक का उपयोग किया गया है, वहीं 893 निजी आवासों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग से पानी का संग्रहण किया जा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग के चलते प्रतिवर्ष सूर्य आग उगल रहा है। इसके विपरीत असर धरती पर पड़ा है। जमीन से पानी गायब होने के कारण पेड़-पौधे और मनुष्य भी पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं।
नांदगांव नगर निगम के अधीन 1106 शासकीय और निजी मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग कराया गया है। इस तरह गुजरे 10 साल में प्रतिवर्ष 100 भवनों में यह व्यवस्था की गई है।
इस संबंध में नगर निगम के ईई यूके रामटेके ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए 1106 स्थानों में व्यवस्था लागू हो पाई है। उन्होंने कहा कि लोगों से इस तकनीक का उपयोग करने की अपील की है।