राजनांदगांव
दफ्तरों में सन्नाटा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 अगस्त। सरकारी कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल लगातार चौथे दिन भी जारी रहा। 22 अगस्त से दफ्तर छोडक़र आंदोलनरत सरकारी कर्मचारियों की ओर से अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई जा रही है। जिला मुख्यालय के अलावा ब्लॉक मुख्यालयों में भी कर्मी हड़ताल में डटे हुए हैं। हालांकि कुछ ब्लॉकों में सरकारी कर्मचारियों में आंदोलन में शामिल होने को लेकर विरोधाभास की भी स्थिति बन गई है।
छुरिया क्षेत्र में शिक्षकों ने हड़ताल में शामिल होने से इन्कार कर दिया है। वहीं मोहला ब्लॉक में भी शिक्षकों ने आंदोलन में भागीदार बनने से दूरी बना ली है। हड़ताल में शामिल होने को लेकर कर्मचारी संगठनों में बिखराव की स्थिति भी बन रही है। महंगाई भत्ता व गृहभाड़ा को लेकर अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले हड़ताल को लेकर कुछ संगठन एक नजर आ रहे हैं। जबकि कुछ संगठन ने हड़ताल को लेकर स्पष्ट रूप से किनारा कर लिया है। जिसके चलते छत्तीसगढ़ शिक्षक एसोसिएशन के कई सदस्यों ने इस्तीफा भी दे दिया है।
बताया जा रहा है कि आने वाले समय में कुछ और कर्मचारी संगठन की सदस्यता छोड़ सकते हैं। हर हिस्से में हड़ताल का अब आंशिक असर दिखने लगा है। इस बीच हड़ताल के पहले दौर में ही संगठनों में एकता को लेकर भ्रामक परिस्थिति भी बन गई है।
उधर सहायक विस्तार अधिकारी संघ ने भी हड़ताल को समर्थन दिया है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की एमसीएच की नर्स भी हड़ताल में कूद गई है। जिसके चलते हड़ताल को मजबूती मिली है। जिले में अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जाने से फरियादियों की मुसीबतें खड़ी हो गई है। अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ है। ऐसे में बाहर से आने वाले फरियादियों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। कलम बंद-काम बंद केनारे के साथ अपनी मांगों को लेकर यह आंदोलन 25 अगस्त को भी जारी रहा। प्रदर्शन में विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी शामिल होकर अपनी लंबित मांगों के लिए नारेबाजी की। प्रदर्शन में आरएमए एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र के अधिकारी संघ, राजस्व निरीक्षक संघ के पदाधिकारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल में समर्थन दिया।
इन संघों ने किया समर्थन
प्रदर्शन में प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ छग अजाक्स संघ, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन, छग लघुवेतन चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ, छग वाहन चालक कर्मचारी संघ, छग स्वास्थ्य एवं बहुउद्देशीय कर्मचारी संघ, छग राजस्व पटवारी संघ, छग ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ, छग प्रदेश शिक्षक फेडरेशन, छग राज्य पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ संघ, कर्मचारी कल्याण संघ (क्षेत्रीय परिषद), छग प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, छग वन कर्मचारी संघ, छग लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, छग डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोशियेशन, छग प्रदेश शिक्षक संघ, छग हायक पशु चिकित्सा अधिकारी संघ, छग राजस्व निरीक्षक संघ, छत्तीसगढ़ न्यायिक कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य संयोजक संघ, छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ, छत्तीसगढ़ शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ, छत्तीसगढ़ महिला बाल विकास विभाग पर्यवेक्षक संघ, छत्तीसगढ़ न्यायिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ, छग आरएमए एसोशिएसन, महाविद्यालय प्राध्यापक संघ, छत्तीसगढ़ निगम मंडल कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ पेंशनर्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ छात्रावास अधीक्षक कल्याण संघ, सहायक विकास विस्तार अधिकारी संघ, छग प्रदेश सचिव संघ के प्रतिनिधिगण शामिल थे।
शासकीय हो रहे प्रताडि़त-सतीश
आंदोलन के विषय में फेडरेशन के महासचिव सतीश ब्यौहरे ने बताया कि पूर्व में फेडरेशन द्वारा शांतिपूर्ण चरणबद्ध आंदोलन के माध्यम से राज्य शासन को समय-समय पर अपनी जायज मांगों के निराकरण हेतु अनुरोध किया जाता रहा है, किन्तु राज्य शासन द्वारा शासकीय सेवकों केहित में समाधान कारक निर्णय नहीं लेने के कारण प्रदेश के कर्मचारीगण, अधिकारीगण, पेंशनर्स प्रताडि़त हो रहे हैं। शासन द्वारा राज्य सेवा के कर्मचारियों के वेतन में लगातार कटौती की जा रही है और उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जिसके कारण शासकीय सेवको में निराशा और आक्रोश व्याप्त है और वो अपने हक की लड़ाई के लिए लामबद्ध हो रहे हैं।