राजनांदगांव
मिट्टी निर्मित बैल जोड़ों की खरीदी-बिक्री तेज, किसान वर्ग तैयारी में जुटा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 अगस्त। छत्तीसगढ़ के प्रमुख लेाक त्यौहार में एक पोला पर्व को लेकर देहात क्षेत्रों में खासा उत्साह है। वहीं शहर में भी पारंपरिक रूप से त्यौहार मनाने की तैयारी चल रही है। त्यौहार को लेकर बाजार में हलचल बढ़ी है। परंपरागत मिट्टी से निर्मित बैल जोड़े की खरीदी-बिक्री बढऩे से व्यापारिक मार्गों में चहल-पहल बढ़ गई है। कोरोनाकाल के कारण पिछला दो साल त्यौहारी माहौल के लिए विपरीत रहा है। लोग इस साल पर्व मनाने को लेकर काफी उत्साहित हुए हैं।
पोला पर्व का छत्तीसगढ़ की परंपरा में अलग महत्व है। इस पर्व में बैलों की विशेष साज-सजावट और पूजा अर्चना होती है। घरों में मिट्टी से बने बैलों की पूजा करने के बाद त्यौहार का शुभारंभ होता है। घरों में खास तरह के पकवान भी त्यौहार के अवसर पर बनाए जाते हैं। जिसमें ठेठरी-खुरमी के अलावा, बड़ा, भजिया समेत अन्य व्यंजन बनाए जाते हैं। पोला पर्व को मनाने के लिए एक बड़ा समुदाय प्रतिक्षारत रहा है। गांवों में इस पर्व को लेकर विशेष तरह की तैयारियां की जाती है। बैलों को खासतौर पर इस दिन धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप पूजा जाता है।
उधर कहीं-कहीं बैल दौड़ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। हालांकि इस साल शहर में इस आयोजन को लेकर तैयारी नहीं है। इसके पीछे कोरोना की आंशिक बढ़ोत्तरी को भी एक वजह बताया जा रहा है। जिले में पोला पर्व मनाने के लिए किसानों ने भी खास तैयारी की है। महिलाओं ने पसंदीदा व्यंजनों को घरों में बनाने की तैयारी की है। बच्चों में मिट्टी निर्मित बैलों को दौड़ाने की परंपरागत रिवाज को लेकर उत्साह दिख रहा है।