राजनांदगांव
किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा मानसून
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 सितंबर। भादो की झड़ी से खड़ी फसलों को नुकसान होने खतरा मंडरा रहा है। वहीं फसलों को नुकसान पहुंचाने के लिए कीटों का भी प्रकोप बढ़ा है। ऐसी सूरत में किसानों की मेहनत पर मानसून और प्राकृतिक आपदा पानी फेर रही है। इस साल अच्छी ारिश होने से किसान बंपर धान की पैदावार को लेकर उम्मीद पाले हुए हैं। पिछले तीन दिनों से जिले में सिलसिलेवार बारिश हुई है। यह बरसात खेती के लिहाज से घातक है।
इस बार अंचल में धान की फसल अच्छी स्थिति में पहुंच गई है। जल्छ तैयार होने वाले हरूना धान में बालियां भी निकल गई है। वहीं देर से तैयार होने वाले माई धान के पौधे भी तेजी से विकसित हो रहे हैं। हरूना धान के पौधे अक्टूबर के पहले सप्ताह तक कटाई के लायक हो जाएंगे। जबकि माई धान दीपावली के आसपास तक तैयार हो पाएंगे। इधर धान की बालियां आने के साथ ही पौधों में कीटों का प्रकोप भी शुरू हो गया है। तना छेदक की शिकायत ज्यादा देखने को मिल रही है। वहीं कहीं-कहीं माहो का आक्रमण भी हो शुरू हो गया है। जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।
इस बार मानसून की मेहरबानी के चलते धान की फसल अच्छी स्थिति में पहुंच गई है। जिले में लगभग साढ़े तीन लाख हेक्टेयर में धान की फसल ली जा रही है। अधिकांश किसान जल्द तैयार होने वाली हरूना धान की फसल लगाई है, जो तेजी से तैयार हो रही है। इन फसलों में बालियां निकल आई है। वहीं माई धान की फसल भी बेहतर स्थिति में पहुंच गई है। इस किस्म के पौधे अक्टूबर के अंत तक तैयार हो जाएंगे। दीपावली पर्व के बाद अंचल में कटाई तेज हो जाएगी। इस बार किसानों को धान के बंपर उत्पादन की उम्मीद है। इधर फसलों में बाली आने के बाद कीट-प्रकोप भी शुरू हो गया है। इससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं। किसान कीटनाशक दवाईयों का प्रयोग करना शुरू कर दिए हैं।