कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव 29 सितंबर। अखिल भारतीय आदिवासी महासभा जिला अध्यक्ष मुकेश मंडावी, जय प्रकाश नेताम जिला सचिव एआईआरएफ, बिसम्बर मरकाम जिला अध्यक्ष एआईआरएफ, ईश्वर सोरी, संतोष नेताम ने आदिवासी बाहुल्य बस्तर संभाग की समस्याओं के समाधान हेतु राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन को जिला कार्यालय कलेक्टर कोण्डागांव में सौंपा।
ज्ञापन में उल्लेख है कि, पूर्व विधायक मनीष कुंजाम जिला संयोजक व राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय आदिवासी महासभा बस्तर संभागीय समिति जगदलपुर बस्तर के नेतृत्व में सिलगेर से सुकमा तक 19 से 26 सितंबर तक आदिवासी बाहुल्य बस्तर संभाग की समस्याओं के समाधान के लिए 12 सूत्रीय मांगों को लेकर पैदल मार्च कर सुकमा में आमसभा का आयोजन कर 26 सितंबर को कार्यक्रम का समापन किया गया था। केन्द्र की मोदी सरकार वन अधिनियम में संशोधन कर रही है, यदि यह संशोधन नियम 2022 पास हो जाता है, तो ग्राम सभा की अधिकार व शक्तियां खत्म हो जाएंगे।
भूपेश सरकार ने पेसा कानून को लागू करने जो नियम बनाया है, वह इस कानून की मूल मंशा जिसमें गांव को स्वायत्तता देना है, के खिलाफ है। दोनों सरकारें उनके कॉर्पोरेट दोस्तों के लिए आदिवासी इलाकों की जल-जंगल-जमीन को सौंपने के लिए नियम कानून में बदलाव कर रही हैं, जिससे हमारे सामने जबरदस्त खतरा उत्पन्न हो गया है। हसदेव में फोर्स लगाकर जनता के विरोध के बावजूद जबरन पेड़ काटे जा रहे हैं। बेरोजगारी चरम पर है, पढ़े-लिखे नौजवान चिंतित व परेशान हैं। सभी वादों की तरह रोजगार देने या बेरोजगारी भत्ता देने का वादा भी गायब हो गया है।
आदिवासी महासभा जिला कोण्डागांव ने 12 सूत्रीय मांगों से सम्बन्धित ज्ञापन को जिला कार्यालय में जमा कर उचित समाधान करने का आग्रह किया है।