महासमुन्द
6 अक्टूबर को आमरण अनशन करेंगी स्मिता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 30 सितम्बर। बागबाहरा ब्लॉक के किसानों को बीते वर्ष की फसल बीमा क्षतिपूर्ति की राशि कंपनी ने नहीं दी है। इससे 28 गांवों के किसान परेशान हैं। इन किसानों का करीब 4.5 करोड़ रुपए बकाया है। पूर्व में आंदोलन कर क्षतिपूर्ति की मांग की गई थी, लेकिन आज तक किसानों को राशि का भुगतान नहीं हुआ है। किसानों को राशि दिलाने के लिए अब जनपद पंचायत अध्यक्ष स्मिता हितेश चंद्राकर 6 अक्टूबर को आमरण अनशन करेंगी। इसे लेकर कलेक्टर को चेतावनी देते हुए ज्ञापन भी सौंपा है।
अध्यक्ष स्मिता चंद्राकर ने बताया कि 12 सितंबर को बागबाहरा ब्लॉक के 6 गांवों के किसान क्षतिपूर्ति राशि की मांग को लेकर कलेक्टर महासमुंद का घेराव कर, और धरना में बैठकर कलेक्टर ने सात दिवस के भीतर राशि भुगतान कराने की मांग की थी। कलेक्टर ने बीमा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने का लिखित आश्वासन दिया था। लेकिन 15 दिन से अधिक हो जाने के बाद भी बीमा कंपनी ने भुगतान करना उचित नहीं समझा।
अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 2 साल से बीमा कंपनी के ऊपर क्षतिपूर्ति की सम्पूर्ण राशि समय में भुगतान करने लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इस वर्ष भी 4 माह से भुगतान बीमा कंपनी द्वारा टुकड़े-टुकड़े में किया जा रहा है। ऐसी स्थिति बीमा कंपनी द्वारा इसलिए निर्मित की जाती है ताकि किसान जिला सहकारी बैंक जाकर थक जाए और इतना समय गुजर जाए कि नई फसल आने पर किसान कटाई में व्यस्त हो जाएं। नया फसल की राशि मिलने पर किसान ऑनलाइन आपत्ति आवेदन करना भूल जाए। ताकि संपूर्ण शेष राशि बीमा कंपनी को देना ना पड़े।
मालूम हो कि इस वर्ष बागबाहरा ब्लॉक के 7 गांव जिसमें छिबर्रा, टुहलु, जुनवानीखुर्द, चंद्रपुर, खट्टाडीही, चिंगारियां, राटापाली सहित जिला के 28 गांव जिसमें पिथौरा ब्लाक के सानटेमरी, सांकरा सिंचित, दादरगांव, सिंचित कालीडोंगर, असिंचित माटीडरा, असिंचित विजय माल.2, असिंचित बसना ब्लॉक के बंडबरी बिलखंड, दुद्धीपाली, इंदिरापुर, गुढिय़ारी, बरडीह सभी असिंचित सरायपाली ब्लॉक के सजापाली, पाठसेंद्री, अमरकोट गांवों के किसानों को क्षतिपूर्ति की राशि लगभग 4.5 करोड़ रुपया है जो अब तक किसानों को बीमा कंपनी ने भुगतान नहीं किया है। शासन-प्रशासन भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रही है।