बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 18 नवंबर। शहर के धरमपुरा में निवासरत श्री कलवानी के निधन के बाद परिजनों ने उनकी इच्छा के अनुसार चिकित्सा के क्षेत्र में आने वाले पीढ़ी को पढऩे के लिए और ज्ञान मिल सके, इसके लिए उनके पार्थिव शरीर को मेकाज को डोनेट कर दिया, शव को देने के बाद पिता के शव से बेटी व बेटे ने गले लगकर उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। इस दौरान पत्नी के साथ ही समाज के लोग व मित्रगण भी शामिल हुए।
मृतक भीम कलवानी के बारे में जानकारी देते हुए परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनका जन्म 13 जनवरी 1964 को हुआ था, शुरू से ही भीम अपने कामों को लेकर हमेशा सेवा, समर्पण व प्रेरणा से अभिभूत होकर अपने कामों को हमेशा करते थे, परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा निखिल व बेटी उन्नति है, भीम के साथ ही उनका पुत्र कृषि एवम बीज कीटनाशक दवा का व्यापार करते थे, 58 वर्ष की आयु में शुक्रवार की सुबह अपने घर में अचानक गिर जाने से उनकी मृत्यु हो गई।
भीम कलवानी ने काम के दौरान ही इस बात का निर्णय ले लिया था, कि बस्तर में सेवा के क्षेत्र में आने वाले पीढ़ी को देखते हुए अपनी पत्नी से चर्चा के दौरान 16 सितंबर 2021 को देहदान का फार्म भी भरकर दे दिया, जिसके बाद आज निधन होने के बाद उनका पार्थिव शरीर को मेकाज को सौंपा गया।
मेकाज को मिलने वाला यह 12वां पार्थिव देह
मेकाज के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2014 से लेकर अब तक करीब एक दर्जन के लगभग शव मेकाज को मिल चुके हैं। इन शवों में कुछ अज्ञात है, तो कइयों के परिजनों ने उनकी अंतिम इच्छा को मानते हुए शव को डोनेट किया है, मेकाज को न सिर्फ बस्तर से बल्कि दंतेवाड़ा से भी आए परिजनों ने शव डोनेट करके गए हैं, जिसमें 27 दिसंबर 2014 को एक शव, 8 जून 2014 को एक शव, 13 मई 2015, 8 मार्च 2015, 8 अगस्त 2019 को बचेली, 4 फरवरी 2020 को दंतेवाड़ा से, 4 मार्च 2020 को दंतेवाड़ा से , 29 अगस्त 2020, 27 नवबर 2020, 9 अप्रैल 2021, 11 जनवरी 2022 के अलावा आज 18 नवंबर 2022 को शव डोनेट किया गया।