रायगढ़

एसडीएम बीमार, कांगे्रसी सरपंच का अविश्वास प्रस्ताव टला
25-Dec-2022 8:24 PM
एसडीएम बीमार, कांगे्रसी सरपंच का अविश्वास प्रस्ताव टला

भाजपा व ग्रामीणों ने दबाव बनाने का आरोप लगा किया प्रदर्शन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 25 दिसंबर।
राजनीति में सत्ता धारी पार्टी का प्रशासन पर किस तरह का प्रभाव होता है इस बात का जीवंत उदाहरण जिले के रायगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत तारापुर में देखने को मिला।

रायगढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत तारापुर में सत्ता धारी पार्टी के समर्थक सरपंच राजीव डनसेना के विरुद्ध 10 में से 9 अंसतुष्ट पंचों की सहमति से बीते कल 23 दिसम्बर के दिन अविश्वास प्रस्ताव की तिथि निर्धारित की गई थी। रायगढ़ एसडीएम इस कार्य के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किए गए थे। अविश्वास के लिये बुलाई गई बैठक में ग्राम सरपंच के विरुद्ध पंचों को मत डालना था।

पूरी तैयारी हो जाने के बाद भी समय पर जब निर्वाचन अधिकारी ग्राम पंचायत भवन तारापुर नही पहुंचे। तो वहां घंटो से बैठे असंतुष्ट 9 पंचों सहित ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर की।

उन्होंने पता किया तो जानकारी मिली की एसडीएम रायगढ़ को डायरिया होना बताया गया। दूसरे पहर जब 2 बजे तक एसडीएम की जगह दूसरा नियुक्त निर्वाचन अधिकारी नही पहुंचा तो उनमें जान बुझकर निर्वाचन तिथि के टाले जाने की आशंका बलवती हो गई।

नाराज ग्रामीणों और प्रतिनिधियों ने ग्राम पंचायत भवन में हंगामा खड़ा कर दिया। साथ ही यह आरोप लगाने लगे कि सत्ता धारी पार्टी के बड़े नेता के इशारों पर जिला प्रशासन जानबुझ कर आज के निर्वाचन को नियम विरुद्ध ढंग से टालने का काम कर रहा है। ताकि ग्राम पंचायत से नकारे गए सरपंच को अपने बचाव का अवसर मिल सके।

इधर ग्राम पंचायत भवन में अप्रिय स्थिति निर्मित होने की सूचना पर अंतत: कोतरा रोड थाना प्रभारी सहित पुलिस बल को मौके पर पहुंचना पड़ा। जबकि घटना की जानकारी प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के जिला अध्यक्ष उमेश अग्रवाल और रायगढ़ सांसद गोमती साय को मिली तो सभी नेता तारापुर आ पहुंचे। 

यहां  भाजपा जिला अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने निर्वाचन अधिकारी एसडीएम रायगढ़ से बात की और नियुक्त अधिकारी नायब तहसीलदार प्रकाश पटेल को न भेजे जाने का कारण पूछा। जिसके बाद उक्त कृत्य के लिए उन्हें फटकार भी लगाई।

बताया जा रहा है कि विपक्षी नेताओं और असंतुष्ट पंचों की नाराजगी के चलते देर शाम तक ग्राम तारापुर में हालात बिगड़े रहा। इसके बाद आनन-फानन में प्रशासन ने ग्राम पंचायत में मत पेटी भेज कर 30 दिसंबर नई तिथि की घोषणा की। वहीं नाराज ग्रामीणों ने कहा की बीमारी का बहाना बनाकर लोइंग शिविर में उपलब्ध रहने वाले प्रशासनिक अधिकारियों को यह जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी कि नई निर्धारित तिथी तक गांव में कोई अप्रिय घटना न घटे। अगर घटती है तो जिला प्रशासन इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होगा।

स्थानीय लोगों की माने तो पंचों ने  सरपंच के विरुद्ध आर पार की लड़ाई लडऩे की नियत से पूरे घटना क्रम की वीडियो रिकार्डिंग कर हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी भी कर ली है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news