महासमुन्द
कहा-महज दस लोगों को नौकरी हमें मान्य नहीं प्रशासनिक मंजूरी के बावजूद ऐसा हाल-डॉ. चोपड़ा
छत्तीसगढ़ संवाददाता
महासमुंद, 25 मार्च। छत्तीसगढ़ राज्य विशेष पिछड़ी जनजाति भुजिया समाज जिला महासमुंद के लोग पिछले 20 मार्च से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। युवाओं का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 2019 में विशेष पिछड़ी जनजाति के पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी देने का फैसला लिया था। जिस पर अमल करने की घोषणा जून 2022 में पढ़े-लिखे युवाओं को तृतीय व चतुर्थ वर्ग में नौकरी देने की प्रशासनिक मंजूरी दे दी गयी। इसके साथ प्रशासन को विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं का सर्वे कर सूची तैयार करने कहा गया था। इस संबंध में समाज के 95 युवा वर्ग 03 के लिए पात्र हैं। लेकिन प्रशासन महज दस लोगों को नौकरी देना चाह रहा है,जो हमें मान्य नहीं है।
पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा ने इनका समर्थन करते हुए कहा है कि विगत पांच दिनों से बैठे इन आदिवासियों की समस्याओं पर प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इनके आंदोलन की उपेक्षा कांग्रेस शासन के लोगों के निर्देश पर हो रही है। आरक्षण की शून्यता के कारण आज यह स्थिति बनी है। पूरे 42 प्रतिशत पदों में इनकी नियमित भर्ती की जा सकती है। जब सहायक शिक्षकों की भर्ती हेतु सहमति ली गई तो फिर अब इन्हें क्यों रोक दिया गया है।
डॉ.चोपड़ा ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि भोले-भाले आदिवासियों को धमकाकर इनके संगठन को तोडऩे को प्रशासन तत्पर दिखता है। इनके आंदोलन की अनुमति निरस्त की गई। प्रतिनिधि मंडल ने शासन एवं प्रशासन को चेतावनी दी है कि शीघ्र ही पूर्व आरक्षण के आधार पर शीघ्र नियुक्ति दी जाए अन्यथा मुक्यमंत्री निवास का घेराव हेतु पदयात्रा प्रारंभ की जावेगी।