कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 31 मार्च। नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोपी को कोर्ट ने बीस वर्ष कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
लोक अभियोजक दिलीप जैन ने घटना के संबंध में विस्तृत तौर पर बताया कि पीडि़ता घटना मजदूरी कार्य करने जगदलपुर गयी थी वहीं आरोपी पालेश्वर कार्राम भी काम करता था, काम करने के दौरान आरोपी से पीडि़ता का परिचय हुआ। आरोपी ने काम के दौरान पीडि़ता को अपने साथ रखा था । आरोपी ने अपने साथ रखने के दौरान पीडि़ता के साथ कई बार बलात्कार किया और उससे कहता था कि उससे प्यार करता हूंू शादी करूंगा। आरोपी उसे उसके मोबाईल के माध्यम से किसी से बात करने भी नहीं देता था।
एक दिन आरोपी ने अपने मोबाईल को चार्ज में लगाया था तब उसने आरोपी से छुप कर अपने घर में फोन करके घटना के विषय में बताया और ले जाने के लिए बुलाया तब उसे घर लेकर आये।
पीडिता के पिता/ प्रार्थी के द्वारा आरोपी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने पर थाना कोण्डागांव में आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण कि संपूर्ण विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया ।
कोण्डागांव जिले के अपर सत्र न्यायाधीशए एफ.टी.एस.सी.(पाक्सो), कोण्डागंाव के न्यायाधीश कमलेश कुमार जुर्री ने प्रकरण का विचारण कर प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को धारा 373 भा.दंस. मेे 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रू.के अर्थदण्ड, धारा 366क भा.दंस. मेे 05 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रू.के अर्थदण्ड, धारा 376(2)(ढ) भादवि में 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और 1000 रू. के अर्थदण्ड,एवं धारा 06 लैंगिंग अपराधों का सरंक्षण अधिनियम 2012 के तहत 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और 1000/- रूपये के अर्थदंड ,अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं होने के व्यतिक्रम पर क्रमश: 1-1-1 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगतने का आदेश पारित किया गया है ।