सरगुजा

सामान्य सभा में महामाया द्वार के मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक
05-Apr-2023 7:34 PM
सामान्य सभा में महामाया द्वार के मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक

सत्ता पक्ष के पार्षदों ने मंदिर पर राजनीति बंद करने के लगाए नारे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 5 अप्रैल।
बुधवार को नगर के सरगुजा सदन में आयोजित नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में प्रश्नकाल से पहले ही महामाया द्वार का मुद्दा गरमाया रहा।

 बैठक शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज ने आवाज उठाते हुए कहा कि महामाया द्वार लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। इस गंभीर मुद्दे को एजेंडे में जोड़ा जाना चाहिए था। इस बात को लेकर विपक्ष के अन्य पार्षद भी खड़े हो गए और हल्ला मचाना शुरू कर दिया। 

जवाब में नगर निगम लोक निर्माण विभाग के प्रभारी शफी अहमद ने कहा कि विपक्ष को सत्ता पक्ष का आभार जताना चाहिए कि कुछ अच्छा कार्य किया गया है। आरोप-प्रत्यारोप की बात नहीं होनी चाहिए। विपक्ष सुझाव दे, उसे भी शामिल किया जाएगा। विपक्ष पहले यह बता दें कि महामाया द्वार का निर्माण वे होने देना चाहते हैं कि नहीं। क्योंकि स्वीकृति होती है तो भी विपक्ष के द्वारा आपत्ति जताई जाती है और स्वीकृति नहीं होती है तो भी आपत्ति जताई जाती है। इस जवाब के बाद सत्ता पक्ष के सभी पार्षदों ने मंदिर पर राजनीति बंद करने के नारे सदन में लगाए। काफी देर तक महामाया द्वार के मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी रही। 

विपक्षी पार्षद आलोक दुबे ने कहा कि महामाया द्वार के लिए स्वीकृति पर कोई आपत्ति नहीं, पर भाजपा द्वारा आस्था से खिलवाड़ जैसे महापौर के बयान पर आपत्ति है। बाद में प्रश्नकाल व बजट के बाद इस मुद्दे पर चर्चा किए जाने की बात सभापति अजय अग्रवाल के कहने से मुद्दा शांत हो सका।

विपक्षी पार्षद आलोक दुबे ने कहा कि मेरे द्वारा वर्ष 2021- 22 एवं 22- 23 में नगर के 48 वार्ड में कराए गए डामरीकरण सीसी रोड व नाली का डाटा मांगा गया था। 48 वार्ड में किए गए कार्य का डाटा सामने आने पर यह स्पष्ट हो गया है कि विपक्ष के साथ भेदभाव हुआ है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा कोई दुर्भावना का आरोप नहीं है, पर 70 प्रतिशत राशि सत्ता पक्ष के पार्षदों के वार्ड में लगाई गई, जिस पर मेरी आपत्ति है। इसके साथ साथ 20 करोड़ की राशि विकास कार्य के लिए लाई गई है इसके लिए सत्तापक्ष धन्यवाद के पात्र हैं परंतु किस वार्ड में और कहां-कहां निर्माण होना है इसके लिए वार्ड के पार्षदों का प्रस्ताव आज तक नहीं मांगा गया। इस पर खुले रूप से श्री दुबे ने विपक्ष के साथ भेदभाव का आरोप लगाया।

इस आरोप के जवाब में लोक निर्माण विभाग प्रभारी शफी अहमद ने कहा कि आवश्यकता के आधार पर कार्य कराए जा रहे हैं किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है सत्ता पक्ष के 28 पार्षद हैं जबकि विपक्ष के 20। इस संख्या को अगर कैलकुलेट करेंगे तो स्थिति ऐसी ही बनेगी। इसके अलावा कई क्षेत्र हैं जहां ज्यादा काम कराए जाने की आवश्यकता है उसी के आधार पर कार्य भी कराया गया है। विपक्ष के पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने रिंग रोड पर लाइट नहीं जलने का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि रिंग रोड में लगाई गई लाइट लंबे समय से नहीं चल रही है। इसके लिए सडक़ विकास निगम को पत्र लिखा जाए, क्योंकि बाद में इसका पूरा भार निगम पर आ जाएगा। जिस पर सभी ने सहमति जताई।

एक ही व्यक्ति का पिता बदल कर दे दी पांच एनओसी
नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज ने नजूल भूमि में 152 प्रतिशत पर पट्टा देने के मामले में आरोप लगाते हुए कहा कि कागजात बता रहे हैं कि एक ही व्यक्ति का पिता बदलकर उसे 5-5 जमीनों की एनओसी दे दी गई। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्षद आलोक दुबे ने भी नजूल आर आई ,पटवारी सहित अन्य अधिकारियों पर लाखों का वारा न्यारा किए जाने का आरोप लगाया। पूरे मामले में विपक्ष ने कमेटी बनाकर जांच किए जाने की मांग की। 

इस मामले में सत्ता पक्ष के पार्षद अरविंद सिंह गप्पू ने पलटवार करते हुए कहा कि बिना प्रमाण के आरोप किसी भी अधिकारी पर नहीं लगाना चाहिए। जिस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह हम नहीं प्रमाण बोल रहा है।

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