रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 22 अप्रैल। खरसिया में एक मामला सामने आया है, जिसमें चार साल की बालिका को एक शिक्षिका द्वारा प्रताडि़त किया जाता था, और पिछले चार दिनों से उसे बाथरूम में बंद कर दिया गया था। मामले की जानकारी लगने के बाद जिला बाल सरंक्षण इकाई द्वारा पुलिस की मदद से रेस्क्यू कर मासूम को बाहर निकाला गया। मामले में जांच कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
इस संबंध में जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपक डनसेना ने बताया कि मामले की सूचना मिलने पर पुलिस की मदद से रेस्क्यू किया गया। महिला द्वारा चार दिन से मासूम को बाथरूम में बंद रखा गया था। जिसे रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया। मामले में सीडब्ल्यूसी में काउंसलिंग हुआ है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक खरसिया में रहने वाली आशा अग्रवाल जो शासकीय शिक्षिका के पद पर पदस्थ है। उसके द्वारा एक चार साल की बालिका को प्रताडि़त किया जा रहा था और बाथरूम में उसे बंद कर दिया गया था। इसकी सूचना जब बाल सरंक्षण विभाग के अधिकारियों को लगी, तो उनकी टीम तत्काल मौके पर पहुंची और स्थानीय पुलिस के सहयोग से रेस्क्यू करते हुए मासूम को बाथरूम से सुरक्षित ढंग से बाहर निकाला गया और मामले में जांच कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि यह महिला अक्सर मासूम बच्चों को काम करवाने की नीयत से ले आती है और अपने घर पर रखकर काफी प्रताडि़त करती है।
पहले भी आ चुका मामला
बाल सरंक्षण अधिकारी ने बताया कि जब वे चाइल्ड लाइन में समन्व्यक के पद पर पदस्थ थे। तब लगभग 9 वर्ष पूर्व भी इसी आशा अग्रवाल नामक महिला के घर से इसी प्रकार एक 6 वर्षीय बालिका को बाल सरंक्षण विभाग द्वारा रेस्क्यू किया गया था। उसके बाद बालिका को रायगढ़ लाकर सुरक्षा प्रदान किया गया था।