सरगुजा

वृद्ध महिला के पुरखौती शासकीय भूमि का दूसरे गांव के व्यक्ति ने बनवा लिया पट्टा
02-May-2023 8:44 PM
 वृद्ध महिला के पुरखौती शासकीय भूमि का दूसरे गांव के व्यक्ति ने बनवा लिया पट्टा

कलेक्टर के बिना परमिशन कर दी दूसरे व्यक्ति को बिक्री

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 2 मई। पुरखौती शासकीय कब्जे की भूमि को शासकीय पट्टा बनवा कर फर्जी तरीके से कलेक्टर के बिना परमिशन के बिक्री किए जाने की शिकायत पीडि़त वृद्ध महिला ने कलेक्टर से जनदर्शन में की है।

लखनपुर क्षेत्र के ग्राम सोयदा निवासी  सिलिपिता बसोड़ पति स्व. टिबालु ने बताया कि उसके शामिल खाते की भूमि ख.क्र. 1/62 रकबा 0.243 हे भूमि क्रय की गई भूमि है। इसी भूमि से सटी हुई आवेदिका के कब्जे की भूमि ख.क्र. 1/78 रकबा लगभग 3 एकड भूमि पर आवेदिका के बाबा ससुर 1947 से पहले से काबिज कास्त होकर आवेदिका के पति टिबालु कृषि योग्य भूमि बनाकर धान, मक्का व मुंगफली की फसल लगाकर जीविकोपार्जन करते आये हैं। आवेदिका के ससुर व पति के मृत्यु हो जाने के बाद आवेदिका इन सभी भूमियों पर काबिज कास्त होकर मकान बनाकर कृषि कार्य करते आ रही है जिसका शासकीय पटटा बनाने हेतु खसरा क्रमांक 1/78 का आवेदिका के मृत पति ने शासन को आवेदन दिया था।

आवेदिका के कब्जे की भूमि पर ग्राम बेलदगी निवासी सोमनाथ आ. टोंगस द्वारा छलपूर्वक राजस्व अधिकारियों को आवेदिका के कब्जे की भूमि को अपना बताकर शासकीय पटटा बनवा लिया गया। सन 2011 में हल्का पटवारी ग्राम सोयदा द्वारा जारी खसरा पंचशाला में उक्त भूमि शासकीय पट्टे के रूप में दर्ज होना बताया गया था, परन्तु बिक्री दिनांक 16.02.2022 के स्थिति में ह.प. ग्राम सोयदा जो अनावेदक क्रमांक 03 हैं।  पटवारी ने उक्त भूमि को अधिकार अभिलेख में दर्ज होना व सत्यापित बी. 1 भूमि स्वामी दर्शाया है। शासकीय पटटे की भूमि बिक्री हेतु कलेक्टर परमिशन का कोई उल्लेख नहीं है। भूमि बिक्री घोषणा पत्र में बिक्रेता सोभनाथ आ. टोंगस व क्रेता अनुप राम आ. जगेश्वर ने घोषणा पत्र सह शपथ पत्र में यह लिखा है कि यह क्रय-विक्रय की गई कृषि भूमि शासकीय पटटे अथवा शासकीय पटटे से प्रदत्त भूमि स्वामी की जमीन नहीं है। जबकि उक्त भूमि शासकीय पटटे से प्राप्त भूमि है जिसको बिक्रय किये जाने पर कलेक्टर का परमिशन नहीं है।

आवेदिका के कब्जे की भूमि का बिक्रय बी 1 हल्का पटवारी ने उपरोक्त भूमि का मौका सीमांकन किये बिना ही जारी कर दिया। आवेदिका का कहना है मेरे कब्जे की भूमि की बिक्री मौका पर बिना आये घर बैठकर पटवारी द्वारा बना दिया गया है। उक्त भूमि जो बिक्रेता सोभनाथ ने क्रेता अनुपराम राजवाड़े को बेचा

था उसे पुन: बिना मौके की सीमांकन किये बिना पुन: अनुप राम के आवेदन पर बिक्री चौहददी हल्का पटवारी द्वारा जारी कर अनुप राम राजवाडे द्वारा किसी अन्य को बेच दिया गया है जिसका ऑनलाईन नामांतरण कार्रवाई लंबित है। पीडि़त महिला ने उक्त भूमि की रजिस्ट्री को तत्काल निरस्त करने की मांग पीडि़त महिला ने की है। इसके साथ-साथ पैतृक कब्जे के आधार पर शासकीय पत्र प्रदान किए जाने की भी मांग महिला ने की है।

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