बीजापुर
वार्डों में पेयजल संकट गहराया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 6 मई। पंद्रह वार्डों में फैले बीजापुर नगर पालिका के आधा दर्जन वार्ड पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। भूमिगत जल स्रोतों के नीचे चले जाने से कई बोरवेल काम करना बंद कर दिए है। जिसके कारण पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हो गई है।
नगर के वार्ड क्रमांक 7 की हालत और भी ज्यादा खराब बताई जा रही है। वार्ड क्रमांक 7 शांतिनगर की आबादी करीब साढ़े पांच हजार हैं और एक हजार से ज्यादा मकान है। जहां पालिका पेयजलापूर्ति के लिए रोजाना 30 टैंकरों के माध्यम से पानी सप्लाई कर रही है।
नगर पालिका उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम सल्लुर ने बताया कि शांतिनगर की पेयजल समस्या को देखते हुए 16 बोर खनन किये गए पर जल स्तर कम होने के कारण चार को छोड़ सभी बोर फिसड्डी साबित हुए हैं।
जेलबाड़ा और उससे लगे वार्ड, डारापारा, आरईएस कॉलोनी, तहसीलपारा तुमनार रोड, चट्टान पारा, डिपोपारा की हालत भी काफी खराब बताई जा रही है। लगातार जल स्तर कम होने के कारणों में लगातार निजी बोरवेल खनन भी है। कुछ लोगों ने निजी बोर खनन कर उसके माध्यम से पैसे में पानी सप्लाई भी दे रहे हैं। नगर पालिका द्वारा नलजल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जाती है, पर पानी देने का समय बमुश्किल 15 से 20 मिनट चल पाता है।
इस बारे में नगर के व्यवसायी मदनलाल राठी का कहना है कि मिनगाचल ड्रीम प्रोजेक्ट शुरू होने से बीजापुर नगर की पेयजल समस्या का समाधान संभव है।
वहीं नगर के युवा व्यवसायी अशोक लुंकड़ ने कहा कि मिनगाचल प्रोजेक्ट को 2022 में पूरा हो जाना था। इस प्रोजेक्ट में मिनगाचल नदी में एनीकट बना कर बीजापुर नगर में जलापूर्ति करना है, जो आज तक लंबित है।
नगर के युवा यदुनाथ कश्यप ने कहा कि मौजूदा समय में सभी की जरूरत पानी है और उसकी आपूर्ति के लिए यह परियोजना आगामी 30 वर्षों तक पर्याप्त है, पर अभी तक काम पूरा नहीं हो सका है।
ज्ञात हो कि बीजापुर नगर में 5 ओव्हरहेड वाटर टैंक हैं। जिनकी क्षमता कन्या स्कूल साढ़े चार लाख लीटर, जनपद स्कूल साढ़े चार लाख लीटर, रेस्ट हाउस 2 लाख लीटर, शांतिनगर दो लाख लीटर, जेईडी कॉलोनी 2 लाख लीटर की क्षमता का है। बारह बोरवेल हैं, जिनके माध्यम से सीधा सप्लाई व टैंक भरा जाता है।
इधर, नगर पालिका के सीएमओ बीएल नुरेठी ने बताया कि गर्मी के मौसम में वोल्टेज की समस्या होती है। जिसके कारण ओव्हरहेड टंकियों में पानी नहीं भर पाता है, साथ ही जल स्तर का नीचे चले जाना भी पर्याप्त पानी नहीं मिलने का एक कारण है।