राजनांदगांव
नेता, अफसरों के रिश्तेदार ही मेरिट में, यह कैसा संयोग?
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 मई। पीएससी-2021 की परीक्षा के नतीजों की मेरिट लिस्ट ने कई संदेह खड़े कर दिए हैं। जिला भाजयुमो अध्यक्ष मोनू बहादुर सिंह ने बयान जारी करते कहा कि मेरिट लिस्ट में ऐसे कई नाम शामिल हैं। जिनके रिश्तेदार सत्तापक्ष के मंत्री, नेता या अधिकारी हैं। इसे इत्तेफाक मानना भी मुश्किल है। क्या इसमें भी किसी तरह का खेल किया गया है? ये सवाल वाजिब है।
जिला अध्यक्ष मोनू ने कहा कि पूरा प्रदेश देख रहा है कि पीएससी की मेरिट लिस्ट में किनके नामों को जगह मिली है। दिख रहा है कि मेरिट सूची पर प्रथम आए और 20वें नंबर पर आए उम्मीदवार आपस में भाई-बहन है। दूसरे स्थान पर चयनित उम्मीदवार कांग्रेस नेता की बेटी है। तीसरे व चौथे स्थान पर चयनित उम्मीदवार आपस में पति-पत्नी हैं और रसूखदार परिवार से हैं। सातवें नंबर पर चयनित उम्मीदवार पीएससी चेयरमैन के दत्तक पुत्र है और लिस्ट में इनका सरनेम छुपाया गया है। मेरिट लिस्ट में 9वें व 12वें स्थान पर चयनित उम्मीदवार एक आईएएस अफसर के बच्चे हैं। मेरिट में 11वें स्थान पर काबिज उम्मीदवार डीआईजी की बेटी है।
उन्होंने कहा किइतने सारे संयोग एक साथ मुमकिन तो नहीं जान पड़ते। सवाल यह है कि कहीं मेहनतकश मध्यमवर्गीय परीक्षार्थियों के साथ नतीजों में कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई, ये गंभीर मुद्दा है। मेरिट में मध्यमवर्गीय परीक्षार्थियों की संख्या नग्ण्य है। इनके स्थानों पर प्रभावशाली और सत्ता में दखल रखने वालों के बच्चों, रिश्तेदारों के नाम शामिल हैं। दिन-रात मेहनत करके परीक्षा देने वाले छत्तीसग के माटीपुत्र विद्यार्थियों से छल न हो यही हमारी मंशा है। ऐसे में तत्काल प्रभाव से परीक्षा परिणाम रद्द कर मेन्स के पेपर की दोबारा जांच करवाई जाए। इस विषय पर गंभीर जांच की आवश्यकता है।