बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 7 जून। सेवा सद्भावना से श्री सदगुरु कबीर साहेब 626 वी प्राकट्य दिवस मनाया गया। उनके पावन प्राकट्य दिवस पर सुबह-शोभायत्रा पर आजाद चौक पर आइसक्रीम व शीतल पेय की सेवा भाव,भक्ति, प्रेम, दया, करुणा, के सागर सदगुरु कबीर साहेब ने सबको समान नजरों से देखें ऊंच नीच जात पात पंथ संप्रदाय इन सबसे न्यारे थे।
कबीर खड़ा बाजार में,
सबकी मांगे खैर।
ना काहू से दोस्ती,
ना काहू से बैर।।
वे सभी की सलामती चाहने वाले है। किसी से बैर रखना मानव का आचरण नहीं हो सकता।
मोको कहां ढूंढे रे, बंदे मैं तो तेरे पास में।
ना मंदिर में, ना मस्जिद में, ना काबा, कैलाश में, ना मै जप में, ना मै तप में, ना व्रत उपवास में, ना एकांत निवास में, खोजी होए तुरत मिल जाऊं, एक पल की तलाश में, मैं तो हूं श्वांसो की स्वास में
कहत कबीर सुनो भाई साधु
मैं तो हूं विश्वास में, मोको कहां ढूंढे रे बंदे, मैं तो तेरे पास में,
कबीर साहब कहते हैं- इस चराचर में मुझे कहां ढूंढता है मैं तो तेरे ह्रदय में हूं परमात्मा कहीं नहीं हमारे अंदर ही स्थित है।
संचालक बाबू तोरण साहू ने बताया हर मानव में परमात्मा है मानव सेवा ही सदगुरु परमात्मा का सेवा है।
आरती कर संध्या 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक खीर, पूड़ी, सब्जी, शीतल पेय का आयोजन महतारी चौक भाटापारा किया गया।
उपस्थित भंवर सिंह साहू, तेज प्रकाश जैन, बाबू तोरण साहू,उर्वशी साहू, दुर्गेश साहू, दिलीप साहू, तिलक साहू,संतोष साहू, आर्यन साहू, सोमेंद्र साहू, रामकुमार साहू, नारायण साहू, मनीराम साहू, एल सी साव, ए आर साहू, चंद्रप्रकाश साहू आदि का सहयोग रहा।