बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 12 जून। रूम टू रीड एवं समग्र शिक्षा राज्य परियोजना के संयुक्त आयोजन में बहुभाषिकता विषय पर 8 से 10 जून तक चलने वाली राज्य स्तरीय कार्यशाला में राज्य की 14 स्थानीय भाषाओं में काम करने वाले 28 शिक्षकों ने पाठ्य सामग्री निर्माण हेतु स्थानीय भाषाओं में अनुवाद कार्य किए।
इस तीन दिवसीय अनुवाद कार्यशाला में भाटापारा से कन्हैया साहू सहायक शिक्षक छत्तीसगढ़ी भाषा प्रतिनिधि के रूप में भागीदारी निभाई। राज्य भर प्राथमिक शालाओं में पढऩे वाले बच्चों के हितार्थ छत्तीसगढ़ संदर्भित 6 बाल चित्र कहानियों को 14 स्थानीय भाषाओं में अनुवाद के माध्यम से अपनाने का कार्य निष्पादित किया। साथ ही साथ पूर्व-निर्मित 50 स्टोरी कार्ड के अनुवाद कार्यों का संशोधन कार्य भी किया गया।
इस अनुवाद कार्य में भतरी, बैगानी, भुंजिया, छत्तीसगढ़ी, दोरली, धुरवा, गोंड़ी, हल्बी, कमारी, कुडुख, सादरी, सरगुजिहा, संबलपुरी, उडिय़ा स्थानीय भाषाओं के जानकार शिक्षक-शिक्षिकाएँ सहभागिता निभाए। तीन दिनों तक रायपुर के होटल ग्रैंड राजपूताना में चलने वाली इस कार्यशाला की अध्यक्षता समग्र शिक्षा के राज्य कार्यालय से डॉ एम. सुधीश सर ने तथा संचालन ताराचंद जायसवाल ने किया। रुम टू रीड के स्टेट प्रमुख श्री प्रतीक बैनर्जी, सहयोगी प्रदीप सर, सीमा सिंह मैम, रणवीर गौतम सर का अनवरत सहयोग मिला। भीषण गर्मी में आयोजित इस आवासीय कार्यशाला में सभी स्थानीय भाषा जानकारों ने इस महत्वाकांक्षी कार्य बड़ी कुशलतापूर्वक पूर्ण किए।
इनमें प्रमुख थे शीतल बैस, किरण सिंह, सुनीता भगत, अलबीना इक्का, सुषमा ज्योति कुल्लू, रामेश्वर भगत, अनिल कुल्लू, चैनसिंह सुरखिया, धनीराम कमडिय़ा, रूद्र शर्मा, योगेश साहू, रमेश ताण्डी, मईश यादव, गंगाराम बघेल, शत्रुहन नेताम, संतोष सोरी, प्रफुल्ल नाग, शंकर नाग, सोड़ी भीमा, सोड़ी गणेश, कंकेम नारायण, जोगाराम कश्यप, दिनेश तेलाम, इतेन्द्र नाग, तीरनाथ यादव, शिवकुमार नेताम, शिवचरण नेताम, दुर्वादल दीप थे। इन सभी ने अपने-अपने स्थानीय भाषाओं में बच्चों के अनुकूल रोचक पठन सामग्री निर्माण में महती भूमिका निभाए। ये सभी उर्जावान शिक्षक राज्य कार्यालय के एक आदेश पर रचनात्मक सहयोग देने तत्पर रहते हैं। आयोजक और सहयोगीगण बच्चों के भविष्य निर्माण में किए जाये कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा बधाई के पात्र हैं।