बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 26 जून। छत्तीसगढ़ शासन की एक महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरवा, घुरुवा, बाड़ी के अंतर्गत भाटापारा से महज 5 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत टिकुलिया जो कि आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत है, जहाँ गौठान की बदहाली स्पष्ट नजर आ रही है अभी बरसात की शुरुआत हुईं नहीं कि पहली बारिश में ही गौठान में पानी भरा हुआ है।
ग्रामीण विकास में पंच सरपंच को परमेश्वर की संज्ञा देने वाला कहावत अब चरितार्थ साबित नहीं हो रही है, जिस उम्मीद से ग्रामीणों द्वारा ग्राम विकास के लिए पंच सरपंच का चुनाव करते हैं, वो अब जनता के उम्मीद पर पानी फेर रहे हैं। कई पंचायतों में ग्रामीण ग्राम विकास की बाट जोह रहे वहीं पंच सरपंच अपनी मनमौजी स्वभाव के कारण ग्राम विकास नहीं कर पा रहे हैं। ग्राम पंचायत की मूलभूत आवश्यकता को भूल गए हैं। गौठान में दलदली मिट्टी युक्त मुरम का प्रयोग कर और बदहाल कर रहे हैं तथा उक्त दलदली युक्त मिट्टी मुरम अभी भी ढेर कर रखे हैं समतल नहीं किया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि गौठान तो बना दिया है लेकिन पानी निकासी के लिए किसी भी प्रकार का उपाय नहीं किया गया है, ग्राम विकास के लिए पंचायत में प्रत्येक वर्ष वार्षिक कार्ययोजना तैयार तो की जाती है, लेकिन अब कागजों में ही सिमट कर रह जाती है। भारत में ग्राम विकास के लिए पंचायती राज का सपना देखने वाले महात्मा गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गाँधी का सपना सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया है। ग्राम विकास को साकार करने के लिए पंच सरपंच को अपने गांव के विकास में बनाये गये वार्षिक कार्ययोजना पर ध्यान देने की जरुरत है ताकि पंचायत की मूलभूत समस्या से निजात मिल सके।