राजनांदगांव

कल नगर में हर्षोल्लास से मनेगी बकरीद
28-Jun-2023 4:32 PM
कल नगर में हर्षोल्लास से मनेगी बकरीद

 मस्जिदों में निर्धारित समय पर होगी ईद-उल-अजहा की नमाज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 28 जून। प्रेम, त्याग और बलिदान का पर्व ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व कल 29 जून को मुस्लिम धर्मावलंबी हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे। ईश्वर के प्रति अद्वितीय प्रेम, समर्पण एवं त्याग की भावना का प्रतीक मुस्लिम धर्मावलंबियों का प्रमुख पर्व ईद-उल-अजहा जिसे ईदुज्जुहा या बकरीद भी कहते हैं, कल नगर में परंपरागत श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी।

मिली जानकारी के अनुसार शहर के सभी मस्जिदों के मुतवल्ली साहबान द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार खराब मौसम के कारण ईद-उल-अजहा की नमाज मठपारा स्थित ईदगाह में न होकर शहर के विभिन्न मस्जिदों में सुबह निर्धारित समय पर मस्जिद में पेश इमामों द्वारा अदा कराई जाएगी। यह विशेष सामूहिक नमाज शांतिनगर मस्जिद में सुबह 8 बजे, कन्हारपुरी मस्जिद में नमाज सुबह 8 बजे, नूरी मस्जिद गौरीनगर में सुबह 8 बजे, तुलसीपुर मस्जिद में सुबह 8.15  बजे, गोलबाजार मस्जिद में सुबह 8.30 बजे तथा जामा मस्जिद नंदई में सुबह 8.45 बजे एवं अल अजीज मस्जिद इंदामरा ने सुबह 9 बजे  ईदुज्जुहा पर्व की विशेष नमाज अदा की जाएगी। सभी मस्जिदों के पेश ईमाम नमाज के पूर्व ईदुज्जुहा पर्व की पृष्ठभूमि विशेषता एवं महत्व पर प्रकाश डालेंगे। नमाज पश्चात शहर एवं मुल्क को तरक्की, खुशहाली और अमन-चैन के लिए दुआएं मांगी जाएगी। शहर के मुस्लिम धर्मावलंबी अपने-अपने मोहल्लों के पास स्थित मस्जिदों में इक_ा होकर ईद की सामूहिक नमाज अदा कर एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद पेश करेंगे।

वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी हलीम बख्श गाजी ने बताया कि एकेश्वरवाद ईस्लाम का सर्वप्रथम सिद्धांत है। ईश्वर अल्लाह एक है। अल्लाह ही सर्वशक्तिमान है और उसकी इच्छा से ही सारी सृष्टि की व्यवस्था चलती है। अल्लाह द्वारा भेजे गए सबसे पहले पैगम्बर हजरत आदम अलैहिस्सलाम थे। अंतिम पैगम्बर हजरत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.) है। पैगम्बर हजरत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.)  से पूर्व अरब से की धरती पर पैगम्बर हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने जन्म लिया, जिन्होंने अरव की जनता की तन-मन-धन से सेवा की तथा अरब की जनता से कहा कि अल्लाह एक है, अल्लाह की उपासना करो। एकेश्वरवाद की शिक्षा के अग्रदूत हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम थे। यह पर्व इनके ईश्वरीय मार्ग पर या बलिदान और समर्पण का प्रतीक है। ईद-उल-अजहा का पर्व हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की उस बेमिशाल ईसार और कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। उन्होंने ही मक्का में काबे शरीफ  की नींव रखी। इस अवसर पर दुनियाभर के मुसलमान पवित्र मक्का पहुंचकर खान-ए-काबा का तवाफ  करते हैं और इस्लाम धर्म के पांचवे स्तन हज का फर्ज अदा करते हैं।

मुसलमानों के पवित्र त्यौहार ईदुल फितर के पश्चात ईदुज्जुहा या ईद-उल-अजहा या जिसे बकरीद भी कहा जाता है, मनाया जाता है। यह पर्व सारे विश्व में पारस्परिक श्रद्धा से मनाया जाता है और मुस्लिम भाई इस दिन अपने घरों में कुर्बानी की रस्म अदा कर अपना ईमान ताजा करते है।

ईद-उल-अजहा के मुबारक मौके पर शहर के  सभी मस्जिदों के मुतवल्ली साहेबान के साथ ही समाजसेवी बहादुर अली, सुल्तान अली, हाजी डॉ. केबी गाजी, हाजी मंसूर अंसारी, अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष हफीज खान, पूर्व राज्य मंत्री अकरम कुरैशी, समाजसेवी एवं अधिवक्ता हलीम बख्श गाजी, प्रदेश इका महामंत्री शाहिद भाई, ब्लॉक इका अध्यक्ष आसिफ अली, हाजी रईस अहमद शकील, रज्जाक बडग़ुजर, डॉ. आफताब आलम,  जावेद अंसारी, यंग मुस्लिम कमेटी के अध्यक्ष हाजी मो. फारूख जनता अय्यूब भाई, मो. सईद खान, पार्षद समद खान आदि ने भी सभी मुस्लिम भाइयों एवं नगरवासियों को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद पेश करते यह त्यौहार सौहाद्रपूर्ण ढंग से पारंपरिक रूप से भाईचारे के साथ मनाने की अपील की है।

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