बलौदा बाजार

22 बरस से अमेठी एनीकट पर पुल का इंतजार
30-Jun-2023 7:14 PM
22 बरस से अमेठी एनीकट पर पुल का इंतजार

आधा दर्जन गांव बन जाते हैं बारिश में टापू

जिला मुख्यालय पहुंचने तय करना पड़ता है लंबा सफर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 30 जून। महानदी में निर्मित अमेठी एनीकट बारिश के दिनों में डूब जाने से करीब आधा दर्जन गांव टापू बन जाते हैंं। इन गांवों के लोगों को पलारी अथवा कसडोल आनेे-जाने के लिए 40 से 50 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती हैै।

सर्वाधिक परेशान ऐसे किसान रहते हैं, जिनके खेत नदी के दूसरी ओर हैं। पिछले करीब 22 वर्षों से ग्रामीण यहां उच्च स्तरीय पुल निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, परंतु अब तक उनकी मांग पूरा नहीं हो पाई है। कई बार एनीकट के ऊपर से पानी छलकते रहने के बावजूद ग्रामीण आवागमन करते हैं, जिसके चलते कई दुर्घटनाएं भी यहां घटित हो चुकी हैै।

जान में जोखिम डालकर पार करते हैं एनीकट

अक्सर एनीकट पर जल का स्तर बढऩे अथवा एनीकट के ऊपर से छलकने पर ग्रामीण मजबूरी में जान जोखिम में डालकर एनीकट पार करते हैं। जिसके चलते अक्सर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इस वजह से कई बार यहां पर दुर्घटनाओं में लोगों की जान भी जा चुकी है। इस समस्या के बावजूद वर्षों से विभिन्न राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों के द्वारा पुल निर्माण को लेकर केवल आश्वासन ही दिया जाता रहा है।

सीएम भूपेश बघेल ने की थी निर्माण की घोषणा

पूर्व में भाजपा के कार्यकाल में भी अमेठी एनीकट पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण की घोषणा की गई थी, परंतु यह घोषणा भी कागजों तक ही सीमित रह गई, वहीं अब ग्रामीणों की आस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर टिकी हुई है।

गौरतलब है कि फरवरी में कसडोल विधानसभा क्षेत्र के पलारी ब्लॉक में ग्राम ओटगन में सीएम भूपेश बघेल ने भेंट मुलाकात के दौरान ग्रामीणों की मांग पर अमेठी के एनीकट पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण की घोषणा की थी। भविष्य में यदि घोषणा का क्रियान्वयन होता है तो ग्रामीणों को बारिश के दिनों में अनावश्यक लंबी दूरी तय करने से राहत मिलेगी। यही नहीं आमजनों को भी सिरपुर तुरतुरिया बारनयापारा आदि स्थानों तक पहुंचने में भी सुविधा मिलेगी।

एनीकट पर चार फीट ऊपर बहता है पानी

विदित हो कि छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों हुई बारिश की वजह से अमेठी एनीकट के 3 से 4 फीट ऊपर से पानी बहने लगा है। सामान्य दिनों में पलारी से कसडोल सिरपुर बारनयापारा तुरतुरिया जाने वाले लोग अमेठी एनीकट के रास्ते ही आवागमन करते हैंं। लेकिन महानदी का जलस्तर बढ़ जाने की वजह से लोगों को पलारी और कसडोल जाने के लिए 40 से 50 किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है।

रायपुर, बलौदाबाजार और कसडोल और महासमुंद को जोडऩे वाली अमेठी घाट के बारिश के दिनों में डूबे रहने से कई गांव प्रभावित होते हैं, जिनमें अमेठी, रोहासी, पिपरछेड़ी, रीवासरार, मुडीपार, सुखदा, धीरघोल, दोनाझार, अर्जुनी, खैरा, टेमरी में निवासरत कुछ लोगों के खेत भी नदी के दूसरे छोर पर स्थित है।

खेती किसानी से लेकर कारोबार पर भी असर

बरसात में एनीकट के डूबे रहने व नदी के उफान की वजह से एनीकट आवागमन पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है। किसानों को कृषि कार्य के लिए कसडोल पलारी से घूम कर लंबी यात्रा करने नदी के दूसरे छोर पहुंचना पड़ता है। यही नहीं कुछ व्यापारियों के दुकानें भी नदी के दोनों किनारों पर स्थित है। जिसके चलते ही व्यापारियों को भी अपनी दुकानें खोलने के लिए लंबी सफर तय करना पड़ता है।

अमेठी के एनीकट पर पुल निर्माण की मांग पिछले 22 वर्षों से प्रभावित गांवों के लोगों द्वारा की जा रही है। ताकि तहसील अथवा जिला मुख्यालय आवश्यक कार्य से आवागमन हेतु उन्हें परेशानियों का सामना ना करना पड़े।

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