बलौदा बाजार

मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण सी मार्ट बंद
03-Jul-2023 8:56 PM
मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण सी मार्ट बंद

संचालन निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में प्रशासन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 3 जुलाई। शहर का देसी सुपर बाजार सी मार्ट शहर के सबसे व्यवस्था सदर बाजार में से महंगे इलाके में जगह पाने में तो सफल हो गए मगर लोगों के बीच अपनी जगह बनाने में सफल नहीं हो पाया। वहां उद्घाटन के महज 9 महीने बाद ही लचर प्रशासनिक व्यवस्था के चलते बंद हो गयाा।

राज्य सरकार ने महिला स्व सहायता समूहों शिल्पियों, बुनकरों, दस्तकारों, कुंभकारों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रदेश के अन्य स्थानों की तरह यहां भी सी मार्ट की शुरुआत की थी मगर सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का बंटाधार अधिकारियों की अनदेखी ने कर दिया है। 6 माह से बंद पड़ी सी मार्ट में विभिन्न महिला समूह द्वारा लगाया लाया गया लाखों रुपए का सामान चूहे खा गए हैंं। शासकीय स्तर पर जनपद पंचायत बलौदा बाजार के अधीन चलाए जा रहे इस सी मार्ट के फेल होने के बाद अब इसे निजी हाथों में सौंपने के लिए दो बार टेंडर जारी किया जा चुका है, मगर जिसे टेंडर मिला है वह भी इसे खोलने को तैयार नहीं है।

लाखों का सामान चूहे कुतर रहे

सी मार्ट में काम कर रहे जिस कर्मचारी त्रिदेव पटेल का 9 महीने का वेतन नहीं मिला है। उसने बताया कि सी मार्ट का सामान चूहे कुतर रहे हैं। जब से सीमार्ट खुला था तब ही चूहे समाान का नुकसान कर रहे थे। अब जब मार्ट बंद है तो सामान का क्या हाल हुआ होगा यह अंदाजा लगाया जा सकता है। उसे कभी कहा जाता है मनरेगा के तहत या फिर डीएमएफ मद से वेतन का भुगतान होगा। कुछ दिन पहले कहा गया कि सी मार्ट से भुगतान होगा। अब कहा जा रहा है सी मार्ट में पैसा ही नहीं है तो कहां से भुगतान होगा।

कब खुलेगा, नहीं बता पाए जनपद सीईओ

बलौदाबाजार जनपद पंचायत सीईओ रवि कुमार ने यह तो बताया कि सी मार्ट को पहले शासन स्तर पर चलाया जा रहा था। मगर रायपुर की निजी कंपनी को टेंडर दे दिया गया है मगर यह नहीं बता पाए कि यह खुलेगा कब।

महिला समूह का भी भुगतान रुका हुआ है

प्रदेश के अन्य जिलों में खुले सी मार्ट के देसी उत्पादकों की जमकर बिक्री हो रही है पिछले लगभग डेढ़ सालों में लाखों रुपए का साबुन, दोना, पत्तल, सरसों तेल, महुआ, सैनिटाइजर, मास्क और ग्लिसरीन जैसे सामग्रियों की बिक्री हुई है। जिससे राज्य के सहायता समूह की महिलाओं को लाभ मिला है मगर यहां की स्व सहायता समूह की महिलाओं को उनके सामानों का भुगतान तक नहीं हो पाया है। सूत्रों की मानें तो जिले के स्व सहायता समूह से लिए गए लाखों रुपए के सामान के बदले सिर्फ 256238 महिला समूह को भुगतान किया गया है।

21 में से 13 लाख का सामान दिखा 8 का स्टॉक बर्बाद

नियम के अनुसार सीमा में बिक्री के लिए 60 फीसदी महिला समूहों द्वारा निर्मित समान तथा 40 फीसदी बाजार से खरीदे गए सामान को रखना होता है। 12 अप्रैल 2022 में खुले सी मार्ट में 14 दिसंबर 2022 तक 9 महीने में विभिन्न महिला समूहों और बाजार से 2159210 के सामान की खरीदी की गई, जिसमें 1350916 रुपए की बिक्री हुई बाकी बचे 808294 का सामान कई महीनों से बंद दुकान में रखे रखे ही बर्बाद हो गया। बताया जा रहा है कि इसमें से अधिकतर समान को चूहे ने कुतार डाला है।

कर्मचारियों ने ताला लगा कर प्रशासन को सौंप दी चाबी

शहर के सदर रोड स्थित व्यवस्था मार्ग पर बने सी मार्ट का हजारों रुपए खर्च कर बड़े ही तामझाम के साथ जिले के प्रभारी मंत्री उमेश पटेल के हाथों शुभारंभ कराया गया था। मगर व्यवस्था ऐसी कि यहां कार्यरत सिर्फ 2 कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दिया गया। वेतन के नाम पर उन्हें केवल आज कल में मिल जाएगा कहकर टाला जा रहा है।

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