सरगुजा
अम्बिकापुर,17 जुलाई। यूनिसेफ, छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेद्यशाला एवं सरगुजा साइंस ग्रुप एजुकेशन सोसायटी अम्बिकापुर के संयुक्त तत्वावधान में सरगुजा जिले में बाल अधिकारों को लेकर, शहरों एवं पंचायत स्तर पर स्कूलों में बालसभा का आयोजन कर बच्चों के साथ बातचीत की जा रही है। इसी क्रम में बच्चों के साथ उनके पारिवारिक वातावरण, परिवार में होने वाली समस्याओं, मुहल्लें, ग्राम पंचायत स्तर की समस्या जो बच्चों को लगता है कि इसका हल होना चाहिए, इस पर लगातार चर्चा की जा रही है। इस दौरान बच्चों के माध्यम से कई बातें निकल कर सामने आ रही है।
दरअसल यूनिसेफ एवं छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेद्यशाला, छत्तीसगढ़ की सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर बच्चों के बुनियादी जरूरतों, उनकी प्रमुख मांगों को चिन्हांकित कर एक मेमोरेंडम डाटा तैयार कर रही है, जिसे आगामी चुनाव 2023 के पूर्व छत्तीसगढ़ में चुनाव लडऩे वाली प्रत्येक राजनैतिक दल को उपलब्ध करायेगी और आगामी सयम में राजनैतिक पार्टियों द्वारा बनाये जाने वाले घोषणा पत्रों में बच्चों के मुद्दे भी प्राथमिकता से उठाये जायें और उन्हें प्राथमिकता के तौर पर घोषणा पत्र में शामिल किया जाये, इस बात को लेकर छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिलों में बच्चों के बीच कार्य किया जा रहा है।
इसी तारतम्य में यूनिसेफ, छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेद्यशाला एवं सरगुजा साइंस ग्रुप एजुकेशन सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में अम्बिकापुर के बिशुनपुर में संचालित कन्या शिक्षा परिसर स्कूल, प्राथमिक शाला गोधनपुर, अनिता ड्रीम इण्डिया पब्लिक स्कूल कतकालो, मास्टर माइंड जुनियर स्कूल, छग विद्या निकेतन राता, शिक्षा भारती विद्या भवन बकनाकला सहित कई स्कूलों में बच्चों के बालसभा का आयोजन कर, उनसे विभिन्न एक्टीवीटी के माध्यम से जानकारी एकत्र कर रहे हैं।
इस दौरान बच्चों को पेंटिंग, कविता, कहानी, गीत, खेलकुद एवं अन्य गतिविधियों में शामिल कर उनके साथ ऐसा माहौल तैयार किया जा रहा है, जिससे बच्चें परिवार, समाज/गांव एवं स्कूल की समस्याओं को लेकर खुलकर बोल सकें। इस दौरान बच्चों को गुड टच-बैड टच, बाल अधिकारों, पंचायतों में उनकी सहभागिता, स्कूलों में उनकी सहभागिता, परिवार में उनकी सहभागिता को लेकर बातचीत के साथ-साथ प्रेरक फिल्मों के माध्मय से चर्चा लायक माहौल तैयार कर, बच्चों द्वारा बतायी गई बातों को कलमबद्ध किया जा रहा है। सरकार के माध्यम से स्कूलों में डेऊस एवं पुस्तकों के साथ-साथ कॉपी-पेन की मांग लगभग सभी विद्यालयों में बच्चों द्वारा की गई। वहीं हाई स्कूल की छात्राओं ने सैनेटरी पैड की उपलब्धता स्कूलों में सुनिश्चित करने की मांग रखी। वहीं कई स्कूलों में बच्चों ने सडक़ ठीक कराने, स्कूल आने में होने वाले परेशानी को लेकर पुलिया बनाने, स्कूल में पंखा एवं बिजली की व्यवस्था करने, कम्प्युटर एवं शौचालय की अच्छी व्यवस्था करने की मांग भी की। वहीं जब परिवार एवं मोहल्ले के विषय में बात किया गया तो कई बच्चों ने शराब को लेकर बात की कि शराब पीना कैसे बंद कराया जाये।
घर में कुछ बोलने पर डांटते एवं मारते हैं, नशा के कारण घर में लड़ाई भी होती है। वहीं गांव में स्ट्रीट लाईट लगाने की मांग भी बच्चों ने इस दौरान की। बालसभा के दौरान जब बच्चों से बात की गई तो कई ऐसे विषय भी खुलकर सामने आये जहां बच्चों ने बताया कि उनके घर पर पिता बिमार रहते हैं या दुर्घटना हो गया है कोई कमाने वाला नहीं है, घर की स्थिति ठीक नहीं है, तो किसी ने अपने किसी परिजन के बिमारी के ईलाज को लेकर भी बात की।
बच्चों से मिले विषयों को कलमबद्ध कर यूनीसेफ एवं छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेद्यशाला को उपलब्ध कराया जायेगा। जिस पर आगे कार्य किया जाएगा। सरगुजा साइंस ग्रुप एजुकेशन सोसायटी के माध्यम से लगातार बाल सभाओं का आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है।
संस्था की कोऑर्डिनेटर शिल्पी गुप्ता ने कहा कि 20 जुलाई तक लगातार अनेकों अलग-अलग स्कूल में बालसभा का आयोजन हमारे माध्यम से किया जाएगा। इस दौरान बच्चों के साथ बातचीत का माहौल बने एवं बच्चें खुलकर बात कर सकें, इसके लिये उनके साथ कई क्रिएटिवीटी कराये जा रहे हैं और बच्चों को कॉपी, पेन, पेंसिल, कलर सेट आदि देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्थापक अंचल ओझा, अजय सिंह, हामिद रजा, शिल्पी गुप्ता, आंचल कुशवाहा, संतलाल सहित अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा कार्य किया जा रहा है।