सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिश्रामपुर,20 जुलाई। लंबे समय से उत्पादन संकट झेलते हुए पिछले डेढ़ वर्षों तक करीब 550 करोड़ रुपए से अधिक नुकसान में संचालित हो रहे बिश्रामपुर क्षेत्र की माली हालत अब तेजी से सुधरने लगी है। चालू वित्तीय वर्ष में 2023-24 की पहली तिमाही के बाद क्षेत्र का मुनाफा 42.49 करोड़ हुआ है।
ज्ञात हो कि क्षेत्रीय महाप्रबंधक अमित सक्सेना के विश्रामपुर में पदस्थ होने के बाद अचानक से कोयला उत्पादन में परिस्थितियां बदली है और कोयला उत्पादन में तेजी आई है। पांच साल से अधिक समय से बंद पड़े आमगांव खदान में फॉरेस्ट का क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण यहां करीब जुलाई 2022 से कोयला का उत्पादन शुरू कर लेना यह बहुत बड़ी सफलता है, इसी खदान के बदौलत क्षेत्र में प्राप्त उत्पादन लक्ष्य 11 लाख टन को प्राप्त किया है।
अभी पखवाड़े भर पूर्व लगभग 6 वर्षों से अधिक समय से बंद पड़े सरगुजा जिले के लखनपुर ब्लॉक के अमेरा ओपन कास्ट परियोजना से भी ओबी हटाने का कार्य निजी कंपनी ने शुरू कर दिया है। स्थितियां अनुकूल रही तो दशहरा तक इस खदान से भी कोयला उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसके अतिरिक्त देश की पहली एमडीयू मोड में संचालित होने वाली खदान केतकी से भी उत्पादन शुरू है। यहां आगामी दिनों में तेजी से कोयला उत्पादन होना है, वहीं गायत्री खदान से सीएम मशीन स्थापना के बाद 3 से 400 टन रोजाना कोयला उत्पादन करने वाली खदान में वर्तमान समय में करीब 2000 टन कोयला उत्पादन हो रहा है, जो क्षेत्र की माली स्थिति सुधारने में काफी मददगार साबित हो रहा है।
क्षेत्र के महाप्रबंधक अमित सक्सेना ने बताया कि बिश्रामपुर क्षेत्र के अधिकारी-कर्मचारियों की संयुक्त टीम के सार्थक प्रयास से नतीजों में काफी तेजी से बदलाव लाने में मददगार साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि एसईसीएल कंपनी के सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा के कुशल नेतृत्व में बिश्रामपुर सहित एसईसीएल कंपनी रोज नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है।