बीजापुर
मिरतुर स्कूल का प्रयोगशाला भवन, 10 साल से नहीं हुए एक भी प्रयोग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 19 अगस्त। जिले की बदहाल शिक्षा व्यवस्था सुधार के बजाए दिन ब दिन गर्त में जाती हुई नजर आ रही है। बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लॉक के हायर सेकेण्डरी स्कूल मिरतुर में 10 साल पहले बने प्रयोगशाला भवन की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि वहां बैठना जान जोखिम में डालने के बराबर है।
यह भवन अपनी बदहाली की कहानी खुद कह रहा है। बारिश में टपकती छत, बिना बिजली के कमरों में स्कूल प्रबंधन कैसे लैब को संचालित कर सकता है। यह सोचनीय पहलू है। यहां के भवन में खिड़कियां, जीर्ण-शीर्ण हालत में टूटी फूटी हैं, वहीं दीवार, छत और फर्श जगह-जगह से जर्जर हो चुके हैं। इतने बदहाल भवन में लैब के सामान को महज शोपीस जैसे रखे गए हैं।
संस्था के प्राचार्य डीडी नागेश ने बताया कि लैब भवन जैसा बनना था, वैसे बन नहीं पाया। उन्होंने बताया कि इसमें कम्प्यूटर क्लास भी लगना था, किंतु आज तक यहां के लिए कम्प्यूटर आया ही नहीं।
प्राचार्य नागेश का कहना है कि 10 साल पहले करीब 22 लाख रुपये की लागत से इस भवन का निर्माण कराया गया था। भवन की जर्जरता के चलते हम छात्रों को प्रयोग नहीं करा पाते है। जिससे उनकी पढ़ाई और परिणाम पर विपरीत असर पड़ रहा है।
इस बारे में बीईओ भैरमगढ़ एसआर नेताम से पूछने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं हैं। उनका कहना था कि इस बारे में वहां के प्रिंसिपल ही बता पाएंगे।