बीजापुर

कैम्प खुला और बदलने लगी नक्सलगढ़ की तस्वीर, 2 दशक बाद फिर लहराया तिरंगा
19-Aug-2023 8:46 PM
कैम्प खुला और बदलने लगी नक्सलगढ़ की तस्वीर, 2 दशक बाद फिर लहराया तिरंगा

सिलगेर में नक्सलियों ने स्कूल भवन को बम से उड़ाया था

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 19 अगस्त।
माओवाद की मांद कहे जाने वाले सिलगेर जहां झंडा फहराने को लेकर नक्सलियों ने 22 साल पहले स्कूल को बम से उड़ा दिया था, वहां अब तिरंगा शान से लहराने लगा है। 

सिलगेर में केंद्रीय रिजर्व बल का कैम्प खुलने के बाद स्कूल की शुरुआत की गई और स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा भी फहराया गया। इस खास मौके में ग्रामीणों की मौजूदगी और उत्साह फोर्स के बीच बढ़ते विश्वास को बयां कर रहे थे। 

बीजापुर से करीब 65 किलोमीटर दूर सिलगेर बीते 2 साल से आंदोलन के लिए चर्चा में है। यहां के ग्रामीण गोलीकांड में मारे गए ग्रामीणों के लिए सरकार से इंसाफ की मांग को लेकर आक्रोशित हैं। इस बीच सिलगेर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 229 बटालियन का कैम्प तैनात कर दी गई।  यह वो इलाका है, जहां 2002 के बाद से नक्सलियों ने सडक़ में गड्ढे और दीवार खड़ाकर आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। यह सडक़ बीजापुर जिले के बासागुड़ा से होते हुए सुकमा जिले के जगरगुंडा को जोड़ती है। अब इस रास्ते को बहाल करने की कवायद सरकार द्वारा की जा रही है। 

28 जनवरी को सिलगेर में सीआरपीएफ 229 बटालियन की ए/एफ कंपनी की तैनाती की गई। सीआरपीएफ 229 बटालियन का कैम्प खुलने के बाद यहां स्कूल खोलने की कवायद की गई और फिर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा भी फहराया गया। 

यहां कभी झंडा फहराने को लेकर नक्सलियों ने आश्रम भवन को ही बम से उड़ा दिया था। अब वहां फिर से तिरंगे की शान कायम होने लगी है।  सीआरपीएफ स्कूल सिलगेर के नाम से  खोले गए स्कूल में सीआरपीएफ की मौजूदगी में सिलगेर के बच्चों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण ध्वजारोहण में शामिल हुए और राष्ट्रगान को सम्मान दिया। यह बदलाव सरकार और ग्रामीणों के बीच बढ़ते विश्वास और विकास की राह को आगे बढ़ाने के लिए एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है ।

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