बीजापुर

जिला अस्पताल में 2 महीने से नहीं हो रही सोनोग्राफी
13-Sep-2023 3:26 PM
जिला अस्पताल में 2 महीने से नहीं हो रही सोनोग्राफी

भाजपा महिला मोर्चा ने आंदोलन की दी चेतावनी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 13 सितंबर।
जिला अस्पताल में बीते 2 महीने से गर्भवती महिला व मरीजों की सोनोग्राफी नहीं हो रही है। अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है। प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। खासकर गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी के लिए भटकना पड़ रहा है। वहीं गरीब परिवार की महिलाओं को प्राइवेट अस्पताल में सोनोग्राफी करानी पड़ रही है। जहां उन्हें सोनोग्राफी के लिए एक हजार रुपए देने पड़ रहे हैं।

अस्पताल प्रबंधन ने सोनोग्राफी के लिए रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने का हवाला देकर हाथ खड़े कर दिए हैं। अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार दिसंबर 2022 में अनुबंध पर आए रेडियोलॉजिस्ट की सेवाएं समाप्त होने के बाद पीपीपी मॉडल के तहत एक रेडियोलॉजिस्ट को नियुक्त किया गया था लेकिन करीब दो माह पूर्व उसने भी अस्पताल में सोनोग्राफी करने से इनकार कर दिया इसलिए जिला अस्पताल में सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है, इसकी जानकारी शासन को दी गई है। भाजपा महिला मोर्चा ने सप्ताह भर के भीतर सुविधा शुरू नही होने की स्थिति में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

विशेषज्ञ पद रिक्त, भर्ती के बाद ही मरीजों की हो पाएगी सोनोग्राफी 

अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा शुरू करने को लेकर डॉ.बुद्धेश्वर वर्मा को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। उनका परीक्षा परिणाम आने के बाद ही सोनोग्राफी कर पाएंगे। बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग की राज्य स्तरीय बैठक में 100 बिस्तर जिला अस्पताल बेमेतरा में रेडियोलॉजिस्ट, जनरल सर्जन समेत अन्य विशेषज्ञों की नियुक्ति की मांग रखी गई है। रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति के बाद ही सोनोग्राफी की सुविधा शुरू हो पाएगी।

सरकार मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में नाकाम- संध्या

संध्या परधानिया ने कहा कि विगत एक वर्ष से गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी के लिए भटकना पड़ रहा है। बार-बार सोनोग्राफी की सुविधा बंद कर दी जाती है। मरीजों कुछ दिनों तक सुविधा मिलने के बाद, फिर सोनोग्राफी सुविधा बंद हो जाती है। जिला अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए डॉक्टर और तकनीशियन की कमी है। जिसके कारण सोनोग्राफी सुविधा बंद है। कांग्रेस सरकार सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन सामान्य सुविधा भी उपलब्ध कराने में नाकाम रही है।

निजी अस्पतालों में महंगी दरों पर करानी पड़ रही सोनोग्राफी  

जानकारी के अनुसार हर गुरुवार और शनिवार को सोनोग्राफी जिला अस्पताल में की जाती थी। इसमें ज्यादातर गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी होती है। जिला अस्पताल में स्टेनोग्राफर का पद रिक्त होने के कारण पीपीपी मॉडल के तहत सोनोग्राफी की जा रही थी। लेकिन अब विशेषज्ञ नहीं होने के कारण 100 बिस्तर अस्पताल में पहुंचे मरीजों को यह सुविधा भी नहीं मिल रही है। जिला अस्पताल में उम्मीदों से पहुंच रहे हैं मरीजों को बगैर सोनोग्राफी कराए बैरंग लौटना पड़ रहा है। नतीजतन निजी अस्पतालों में महंगे दरो पर सोनोग्राफी करानी पड़ रही है।

विशेषज्ञ की नियुक्ति के लिए डिमांड नोट भेजा गया

सिविल सर्जन जिला अस्पताल डॉ. संतराम चुरेन्द्र के अनुसार विशेषज्ञ नहीं होने के कारण जिला अस्पताल में सोनोग्राफी बंद है। एक चिकित्सक को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। परिणाम आने के बाद सोनोग्राफी हो पाएगी। विशेषज्ञ की नियुक्ति के लिए शासन को डिमांड नोट भेजा गया है। वर्तमान में समय-सीमा बताने की स्थिति में नहीं है। सोनोग्राफी करने को लेकर प्राइवेट अस्पताल की विशेषज्ञ से बात की गई थी, लेकिन वह चार से 5 लाख रुपए महीना वेतन की मांग कर रहे हैं जो संभव नहीं है।

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