बीजापुर
पत्रकारवार्ता लेकर गागड़ा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 4 नवंबर। बीजापुर से भाजपा के उम्मीदवार व पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कर्ज माफी पर कहा कि कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति के चलते राज्य में किसान कर्जदार बनें। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किसानों के हित में 21 क्विंटल पर 3100 रूपए का निर्णय लिया है। तेंदूपत्ता दर में बढ़ोत्तरी भी संग्राहकों के हित में बड़ी घोषणा है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कपट पत्र के बयान पर पलटवार करते कहा है कि महादेव सट्टा में नाम आने के बाद मुख्यमंत्री अपने बचाव में बयानबाजी कर रहे हैं। न सिर्फ बीजापुर बल्कि प्रदेश में भाजपा जीत की ओर हैं, जिससे मुख्यमंत्री बौखलाए हुए हैं।
अटल सदन भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में श्री गागड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने बेरोजगारी भत्ता देने, स्थानीय भर्ती में प्राथमिकता का वायदा किया था, जो पूरे नहीं हुए। पत्रकार सुरक्षा कानून की बात भी इस सरकार में कही गई थी, लेकिन मीडिया किस हद तक स्वतंत्रता है पत्रकार इससे भलीभांति अवगत हैं। आज खबरें लिखने पर पत्रकारों को एसडीएम की तरफ से नोटिस थमाया जा रहा हैं।
अनियमित, संविदा कर्मियों पर गागड़ा ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही इस मसले पर समीक्षा कर नियमितिकरण की दिशा में पहल की जाएगी। कांग्रेस पर जुबानी हमला बोलते गागड़ा ने कहा कि पांच सालों में बीजापुर में विकास नहीं वरन भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला। तेंदूपत्ता संग्राहकों, बांस कटाई करने वाले मजदूरों को उनका मेहनताना नहीं मिला, पैसे लेकर नौकरियां बांटी गई, यहां तक की देवगुडिय़ों के निर्माण में भी भ्रष्टाचार हुआ।
फर्जी एंकाउंटर पर गागड़ा ने कहा कि भाजपा के शासन काल में घटनाएं हुई, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनते घटनाएं थमने के बजाए बढ़ोतरी हुई। सिलगेर, बुरजी , बेच्चापाल में लोग धरने पर बैठे हैं।
कंग्रेस सरकार ने इस इलाके में रोजगार की जगह लोगों को धरने पर बैठने मजबूर किया। नक्सलियों की सहानुभूति लेने निर्दोष आदिवासियों की रिहाई का झूठा वायदा तक किया। सीआरपीएफ पर मुख्यमंत्री के आरोपों का जबाव देते गागड़ा ने कहा कि सीआरपीएफ चुनाव आयोग के नियंत्रण में हैं। यह जानते हुए भी मुख्यमंत्री सीआरपीएफ की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहे हैं। जबकि महादेव सट्टा में खुद सीएम के दामन पर दाग लगे हैं।
गागड़ा ने कहा कि भाजपा हर मोर्चे पर कांग्रेस से आगे रहीं, वो चाहे जनजातियों को आरक्षण का मसला हीं क्यों ना हो। महार समाज के लंबित प्रकरण के निराकरण में भाजपा ने महती भूमिका निभाई। आगे जिपं, जनपद में उन्हें आरक्षण दिलाने भाजपा प्रयास करेगी।