रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 नवंबर। कल मतदान होना है और आज एक दिन पहले मतदान दलों के गठन और ड्यूटी रद्द करने, करवाने का खेल पूरे प्रदेश में चलता रहा । लेकिन सर्वाधिक अफरा तफरी राजधानी जिले में देखी, सुनी गई। यहां तो भागमभाग के माहौल में रूपए लेकर ड्यूटी निरस्त या रिजर्व में करवाने के मामले सामने आए है।
मिली जानकारी के अनुसार मतदान दलों के गठन की जिम्मेदारी जिन अपर, डिप्टी कलेक्टरों को दी गई है, उनमें अनुभव की कमी का खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ा है। इसी वजह से इस बार ड्यूटी निरस्त करने आवेदन की तादाद भी पूर्वापेक्षा अधिक रही। करीब पांच हजार आवेदन अपर कलेक्टर को मिले हैं। इनमें से सैकड़ों ऐसे हैं कि पीठासीन अधिकारी बनाए गए बाबू के अधीन उससे वरिष्ठ को मतदान कर्मी बनाए जाने से नाराज प्रोफेसर,प्राचार्य अनुभाग अधिकारियों ने ड्यूटी रद्द करने आवेदन दिया है। इसके चलते मतदान सामग्री वितरण की शुरूआत भी देरी से शुरू हुई। सूत्रों ने बताया कि अंतिम दिन की आपाधापी में कुछ हजार रूपए ले-देकर भी ड्यूटी निरस्त किए जाने का खेल चला है। ड्यूटी रद्द होने की खुशी लिए दफ्तर से निकले एक कर्मि ने पूछताछ में बताया कि 1300 रूपए साहब के बाबू को देने पड़े तब रद्द हुई है।