रायपुर
38 वर्षों के दौरान हुए चुनाव और छापों की जब्ती के
वारिसान न आने से पजेशन भी नहीं दे पा रहा आयकर विभाग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 नवंबर। चुनावी प्रलोभन की आशंका के चलते आयोग के निर्देश पर गठित निगरानी दलों ने बड़ी मात्रा में सोना,चांदी के जेवर और बिस्किट रूप में भी जब्त किया है ।
नौ अक्टूबर से नौ नवंबर के दौरान 493 किलोग्राम जेवरात,रत्न जब्त किए गए हैं। इनकी कीमत 20.57 करोड़ आंकी गई है । पूरे जेवर, आयकर विभाग ने एसबीआई की जयस्तंभ चौक मुख्य शाखा के अतिसुरक्षित लॉकर में रखा है। यह लॉकर , आयकर कमिश्नर रायपुर के नाम से खोला गया है।
चुनाव बाद, इन जेवरातों के हकदार ज्वेलर्स पक्के में खरीदी बिक्री के बिल बिल्टी दिखाकर ले जा सकते हैं। उससे पहले आयकर विभाग, संबंधित ज्वेलर्स की बैलेंस शीट, रिटर्न, स्टाक वेरिफिकेशन, पेनाल्टी , कुल देय टैक्स जैसी जरूरी जांच करता है। सब कुछ सही होने पर ही लौटाया जाएगा।
वैसे कई बार यह कच्चे में लाने की स्थिति में सराफा कारोबारी, इन्हें लेने नहीं आते। ऐसी स्थिति में यह लॉकर में ही सालों साल बंद रह जाते हैं । इस समय बैंक के लॉकर में ऐसे कई क्विंटल स्वर्णाभूषण बंद है। ये आभूषण तब से हैं जब 1984-85 रायपुर में आयकर विभाग का पहला दफ्तर खुला और कार्रवाइयां शुरू हुईं । छापेमारी में जब्त इन आभूषणों का पजेशन को विधि सम्मत साबित न कर पाने की स्थिति में सराफा कारोबारी लेने नहीं आए या आते हैं। जिनसे जब्त किए गए उनमें से कई की मृत्यु हो चुकी है और उनके वारिसान नहीं हैं और हैं तो विवाद से बचने लोग आए नहीं। आयकर विभाग के पास जब्त रकम का रिकॉर्ड तो है लेकिन जेवरातों का नहीं है । चुंकि यह जब्त है इसलिए आयकर विभाग भी न तो नीलाम कर सकता है न ही बेच। यानी यह जेवरात पीढिय़ों तक यूं ही लॉकर में बंद रहेंगे।