रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 नवम्बर। डीओपीटी द्वारा सेवा सत्यापन को लेकर मौजूद वैधानिक प्रावधानों के तहत बार-बार मंत्रालयों/विभागों को सूचित किया जा रहा है, फिर भी यह देखा गया है कि इन नियमों के तहत आवश्यक अर्हक सेवा सत्यापन से कर्मचारी को हमेशा सूचित नहीं किया जाता है।
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की 18 वर्ष की सेवा पूरी होने के बाद और उनकी सेवानिवृत्ति से पांच साल पहले अर्हक सेवा का आवधिक सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। इस बाबत प्रत्येक वर्ष 31 जनवरी तक प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग के सचिव को एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी। उसमें सरकारी कर्मचारियों के सेवा सत्यापन से जुड़ा विवरण रहेगा। सेवा सत्यापन को समय पर कराने की जिम्मेदारी कार्यालय प्रमुख को सौंपी गई है। नियमानुसार, अगर किसी कर्मचारी का सेवा सत्यापन नहीं हो रहा है या गलत हो रहा है, तो उसके लिए संबंधित कार्यालय अध्यक्ष को व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार माना जाएगा।
भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि सभी केंद्रीय कर्मियों का सेवा सत्यापन होना जरूरी है। केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के नियम 30 के उप-नियम (1) में प्रावधान है कि एक सरकारी कर्मचारी, जिसने अठारह वर्ष की सेवा पूरी कर ली है या उसके रिटायरमेंट में पांच साल बचे हों तो संबंधित विभाग के सचिव को उस कर्मी की सेवा सत्यापन रिपोर्ट भेजी जाएगी। इस मामले में कार्यालय प्रमुख, लेखा अधिकारी के परामर्श से और उस समय लागू नियमों के अनुसार सत्यापन रिपोर्ट तैयार करेंगे।
नियमों में यह प्रावधान है कि प्रत्येक वर्ष 31 जनवरी तक प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग के सचिव को उक्त रिपोर्ट सौंपी जाएगी। उसमें ऐसे सरकारी कर्मचारियों का विवरण दिया जाएगा, जिन्हें पिछले कैलेंडर ईयर के दौरान अर्हक सेवा का प्रमाण पत्र जारी करने की आवश्यकता थी। उप-नियम (1) के अनुसार, उन सरकारी सेवकों का विवरण एकत्रित कर, तय अवधि के दौरान वास्तव में उनका सेवा सत्यापन प्रमाण पत्र जारी किया गया है या नहीं, ये बात रिपोर्ट में शामिल होगी। अगर किन्हीं मामलों में उक्त प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है तो उसका कारण बताना होगा।
डीओपीटी द्वारा सेवा सत्यापन को लेकर मौजूद वैधानिक प्रावधानों के तहत बार-बार मंत्रालयों/विभागों को सूचित किया जा रहा है, फिर भी यह देखा गया है कि इन नियमों के तहत आवश्यक च्अर्हक सेवा सत्यापनज् से कर्मचारी को हमेशा सूचित नहीं किया जाता है।
डीओपीटी ने अब सभी मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध किया है कि वे उक्त प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन करें। सभी विभागों में कार्यालय प्रमुखों के संज्ञान में उक्त प्रावधानों को लाया जाए। यदि कार्यालय प्रमुख, उपरोक्त नियम का अनुपालन नहीं करता है, या बाद में योग्यता सेवा की गणना में कोई गलती पाई जाती है, तो उसके लिए कार्यालय प्रमुख को ही व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह ठहराया जाएगा। ऐसे में अब सभी विभागों के कार्यालय प्रमुखों यह सुनिश्चित करने के लिए कहा जाए कि वे कर्मचारियों की 18 वर्ष की सेवा पूरी होने के बाद और उनकी सेवानिवृत्ति से पांच साल पहले अर्हक सेवा के आवधिक सत्यापन की रिपोर्ट विभाग के सचिव को भेजें। सत्यापन प्रमाण पत्र जारी होने के बाद कर्मचारी के पेंशन संबंधी मामले निपटाने में देरी नहीं होती। रिटायरमेंट के वक्त दोबारा से पहले वाली सेवा का सत्यापन नहीं कराना पड़ता। उस वक्त केवल उतनी ही सेवा का सत्यापन होगा, जो पूर्व के सत्यापन के बाद की गई है।