बीजापुर

मतगणना में 3 दिन बाकी, जीत-हार को लेकर अपने दावे
30-Nov-2023 2:39 PM
मतगणना में 3 दिन बाकी, जीत-हार को लेकर अपने दावे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
भोपालपटनम, 30 नवंबर।
मतगणना में 3 दिन बाकी है, पर इससे पहले ही भाजपा व कांग्रेस जश्न की तैयारियों में है, हम जीतेंगे कहते हुए चाय दुकानों व अन्य बैठक वाले जगहों पर शर्त लगाए जा रहे हंै।

ज्ञात हो कि विधानसभा के बीजापुर चुनाव की सीट पर दोनों राष्ट्रीय दलों में कांटे की टक्कर सुनाई पड़ रही है ऐसी स्थिति है कि जीत का अंतर कोई ज्यादा नहीं होने वाला है। 
जानकारों के मुताबिक ऐसा कतई भी नहीं रह है कि एक तरफा किसी पार्टी की लहर चली हो समर्थकों के द्वारा यह इन बातों से अंदाजा लगता जा रहा है कि हम तो जीत रहे है दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के चेहरों में खुशी दिखाई पड़ रही है। 

मैदानी अमलों से यह खबर निकालकर सामने आ रही है कि कांग्रेस को पटनम ब्लॉक से थोड़ी सी राहत मिल सकती है मगर यह कह पाना अभी शायद नागवार होगा उसूर ब्लॉक में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति बन रही है।

बीजापुर और भैरमगढ़ ब्लाक में भाजपा के सुकून का दावा है, पर यह भी कुछ कह पाना हमारी तरफ से सही नहीं होगा। देखा जाए तो अंदाजों की तीर में दोनों ही पार्टियां विजय हो रही है, इसकी नगर के बैठक वाले जगाओ में चर्चाएं हैं।

कई समर्थक मोटी रकम के दांव लगाने में पीछे नहीं है। चुनावी माहौल के दौरान मुख्य रूप से कर्ज माफी, धान का समर्थक मूल्य, भ्रसचार को लेकर पार्टियां चुनाव लड़ी है। मैदान में प्रत्याशियों को घोषणा पत्र के वादों को बताने ज्यादा समय नहीं रहा है क्योंकि चुनावी घोषणा और प्रथम चरण के मतदान में बहुत कम समय मिला। मगर रात दिन करते हुए पार्टियां जीतोड़ मेहनत की है। जनता ने अपना फैसला ले लिया है अब रिजल्ट की बारी है 

चुनाव में जमीनी स्तर पर कोई खास नहीं रह मुद्दा
प्रथम चरण के चुनाव में जमीनी स्तर पर वोटरों का कोई खास मुद्दा नहीं रह है कोई भी मतदाता इन बातों से परहेज करता नजर आया कि महंगाई पर बात करे पेट्रोल, डीजल, दाल, अनाज, की बाते सामने नहीं आई ग्रामीण अंचलों में वृद्धापेंशन, सडक़, नाली, पानी की चाहत रही, इसके अलावा कोई खास मांग या कोई अहम मुद्दा नहीं रहा।

दोनों नेताओं का लगा कैरियर दांव
इस चुनाव में कांग्रेस की तरफ से विक्रम शाह मंडावी और भाजपा के महेश गागड़ा की कैरियर पर दांव लगी है। ऐसा मानना है कि विक्रम हारे तो बैकफुट पर चले जाएंगे और महेश गागड़ा हारे तो उनकी भी राजनीतिक कैरियर पर आंच आ सकती है।

दोनों नेताओं ने एक विधानसभा जीती है और एक विधनसभा हारी है यह तो समय बताएगा कौन किस ओर जाता है। चर्चाएं यह चल रही है कि यह दोनों की अंतिम पारी है।

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