बीजापुर

वित्तीय पोषण राशि में गड़बड़ी की जांच शुरू
30-Dec-2023 2:55 PM
वित्तीय पोषण राशि में गड़बड़ी की जांच शुरू

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 30 दिसंबर।
जिले में संचालित 180 राशन दुकानों के बैंक खातों में पंचम वित्तीय पोषण राशि वितरण में गड़बड़ी संबंधी शिकायत को प्रशासन ने संज्ञान में लेते हुए इस पर तत्काल जांच शुरू कर दी है।

कलेक्टर बीजापुर राजेंद्र कटारा के आदेश पर डिप्टी कलेक्टर उत्तम सिंह पंचारी की अध्यक्षता में महाप्रबंधक उद्योग एवं व्यापार केंद्र बीजापुर अजीत सुंदर, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम जीएस कश्यप द्वारा जांच शुरू कर दी गई है। तीन सदस्यीय जांच दल ने शुरूआती जांच में वित्तीय पोषण प्रदाय संबंधी दस्तावेजों का अवलोकन करने के साथ अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने जिला खाद्य अधिकारी गणेश कुर्रे को तलब किया है।

कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि शिकायत को तत्काल संज्ञान में लेते हुए अविलंब जांच के आदेश दिए गए हैं.दल को जांच जल्द पूरी कर प्रतिवेदन सौंपने को कहा गया है। बहरहाल मामला उजागर होने के बाद से खाद्य विभाग में हडक़ंप मचा हुआ है।

चोरी पर पर्दा डालने सेल्समेन पर बनाया दबाव
इसी मामले से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें जांच आदेश से सप्ताह भर पहले भोपालपट्नम में पदस्थ खाद्य निरीक्षक मनोज सारथी भोपालपट्नम ब्लाक मुख्यालय में आयोजित संकल्प भारत कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद बामनपुर के सेल्समेन तुलसीराम गोटे को फोन पर कह रहे है कि वहां कोई पत्रकार पहुंचा तो नहीं अगर कोई भी कुछ पूछता है तो कह देना कि पैसे मिल गए हैं. वीडियों में सारथी सेल्समेन पर पैसे मिलने की गलत जानकारी देने का दबाव बनाते साफ सुनाई पड़ रहे हैं।

सवाल सुनते माथे से छूटा पसीना
सेल्समेन को गलत जानकारी देने फोन पर दबाव बनाने के साथ कुछ और सवाल जब पत्रकारों ने पूछे तो खाद्यनिरीक्षक के माथे से पसीने छूटने लगे. कैमरे पर फूड इंस्पेक्टर सारथी का कहना था कि संचालक एजेंसी के खाते में पैसे डालना होता है. जो सस्पेंड है, उनके खाते में पैसे डालने से समस्या होती, इसके अलावा समूह में रकम निकासी की लिमिटेशन होती है, इसलिए कुछ समूह पैसे नहीं निकाल पाए. बरदेली सस्पेंडेड था, बाड़ेगुड़ा सस्पेंडेड था कुछ और दुकानें संस्पेंडेड थी, चूंकि इनके द्वारा डीडी नहीं पटाया गया था, इसलिए इन्हें संस्पेंड किया गया था।

सेल्समेन के फोन पे और एनईएफटी के जरिए पैसे लेने के आरोप पर खाद्य निरीक्षक ने कहा कि एक शासकीय सेवक होने के नाते सरकारी पैसे मुझे अपने खाते में लेने का अधिकार नहीं, लेकिन व्यवहार में कुछ हद तक संभव, लेकिन राशि उसके व्यक्तिगत खाते से आई है। वो भी डीडी बनाने के लिए. कुछ के खाते में दिक्कत थी, इसलिए राशि ली गई थी। एक खाते में एक से अधिक खातों की रकम दुकानदारों की सहमति से जमा करवाए गए थे. रही बात सेल्समेन पर दबाव बनाने की तो उसे पता है कि पैसे मिलने वाले हैं, इसलिए मैंने उससे फोन पर कहा कि कोई भी पूछे तो पैसे मिल गए कह देना।
 

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