कोण्डागांव

उठाव नहीं, खरीदी केंद्रों में 65 फीसदी धान जाम
05-Jan-2024 9:47 PM
उठाव नहीं, खरीदी केंद्रों में 65 फीसदी धान जाम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 5 जनवरी।
जिला के धान खरीदी केंद्रों में स्टॉक बंपर लिमिट से ज्यादा हो गया है। जिले के 99 फीसदी केन्द्रों में ऐसी स्थिति है, जहां 2 से 3 दिन में यदि धन का उठाव नहीं होता तो धान रखने के लिए जगह नहीं बचने की बात कही जा रही है। वहीं कोण्डागांव जिला के 67 धान खरीदी केंद्रों में से किसी में भी मोटा धान का उठाव शुरू भी नहीं हुआ हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में खरीदी में काफी दिक्कत हो सकता है। 

कोण्डागांव जिला के 67 धान खरीदी केंद्रों में किसानों से खरीफ फसल का धान लिया जा रहा है। जिले के लगभग सभी केंद्रों में स्टॉक बंपर लिमिट से ज्यादा हो गया है, इसके चलते सोसाइटी में स्थिति बिगड़ रही है। 

कई ऐसे केंद्र है जहां धान रखने की क्षमता काफी कम है ऐसे में नए किसने से धान खरीदी में अब दिक्कत होने लगी है। समिति कर्मचारियों ने बताया कि, वे मार्कफेड, खाद्य विभाग और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों को लिखित जानकारी दे चुके है लेकिन अब तक व्यवस्था में सुधार नहीं हो सकती है। नतीजन इस समय जिले के अधिकांश धान खुले आसमान के नीचे रखे हुए हैं।

26 अरवा और एक उसना मिल कर रहा उठाव, 72 घंटे में उठाव का नियम
जिले में धान मिलिंग के लिए अब तक 27 मील के साथ अनुबंध की गई हैं। इसमें एक ऊसना मील भी शामिल हैं। 27 मील में कोण्डागांव अंतर्गत 4, फरसगांव में 3, बड़ेराजपुर में 3 और केशकाल क्षेत्र में 17 मील संचालित हैं। 

केंद्रों में 10 लाख क्विंटल से अधिक धान जाम
जिला के 67 धान खरीदी केंद्रों में आज तक कुल 1569501.20 क्विंटल धान की खरीदी हुई हैं। इसमें मोटा धान की 574908.40 क्विंटल मात्रा भी शामिल हैं। इसके विरुद्ध अब तक कुल 545870.40 धान का उठाव हुआ हैं। केंद्रों में खुले आसमान के नीचे पड़े कुल शेष धान की बात करे तो केवल 1023630.80 क्विंटल धान का ही उठाव हुआ हैं, जो कि 34 प्रतिशत ही होता हैं। वहीं मोटा धान की बात करे तो 554548.40 क्विंटल धान की खरीदी के बाद मात्र 20360 क्विंटल धान का उठाव हुआ हैं। जो कि लगभग 25 फिसदी हैं। 

छुट्टी के दिन जब खरीदी नहीं होगी, तब उठाव में होगी तेजी
इस पूरे मामले पर कोण्डागांव जिला के खाद्य अधिकारी नवीनचंद श्रीवास्तव ने कहा कि, अचानक से किसानों की ओर से बंपर धान आने से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। छुट्टी के दिन यानी शनिवार और रविवार को जब खरीदी की कार्य नहीं होगा, तब उठाओ का कार्य तेजी से किया जाएगा।

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