बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 6 जनवरी। बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के गोरला चौक पर करसाड जात्रा में 36 पंचायतों के देवी-देवताओं के मिलन समारोह में हजारों की संख्या में आदिवासी इक_ा हुए।
आदिवासी संस्कृति बचाओ भोपालपटनम ब्लॉक इकाई मंच के माध्यम से मूलसांस्कृतिक भाषा बोली रीति-रिवाज खान-पान को बचाने एंव परंपरा पहचान को बचाने की भी मुहिम चलाई गई है। तीन दिन चले इस कार्यक्रम में 3 जनवरी को देव आगमन व चार जनवरी को देव मिलन व देवी नृत्य एवं पारम्परिक सांस्कृति बाजा नाच गाना के साथ और पांच तारीख को देवी-देवताओं का विदाई रखी गई थी। इस कार्यक्रम में जिले के सभी ब्लॉकों के लोग जमा हुए।
क्षेत्रीय पेन के नाम और उनके वड्डे का नाम
पेन का नाम येरनाल मुसलोड पुजारी पालम् नीलाबाबू सड्रापल्ली, पेन का नाम एड़ीमर्री अटमपडग़ु पुजारी मट्टीपोट्टी पोसडपल्ली, पेन का नाम मोगाराजू पुजारी दुब्बा बकैया गांव वंगपल्ली, पेन का नाम पोमलैया बामनम्मा पुजारी चिड़ेम भीमा गांव कुचनूर, सिकर धरुडक़ाटेमुती पुजारी नरसिम्हा, यापला पेन का नाम बीरूंगा,एसम मासा कंदलापर्ति, पेन का नाम नीलपराम पुजारी चंद्रयागोत्र गांव पामगल इंद्रावेली, पुजारी परेट बुधराम गोत्र गांव पेगडापल्ली,पेन का नाम दिवानराज पुजारी पेर लक्ष्मणराव गांव कोमतपायी, पेन का नाम 10, मिव्वो पुजारी बापू आंगमपल्ली गांव का नाम कांदूलनार, पेन का नाम मुदुला पगड़ी तू मोगराम, पुजारी पारेट कन्हैया मिनकापल्ली, पेन का नाम चित्रा वेल्ला पुजारी कांतैया पामगाल, पेन का मट्टी नाम निलपराज पुजारी यालम बद्री लोदेड पेन का नाम मीसा बरुड पुजारी यालम गणपत संकनपल्ली पेन का नाम पुरसोगा कोकमिरिया पुजारी पेटैया चितन्नकव्वाली, पेन का नाम, कंचू बरम पुजारी चापा लिगैय बडारपाल पेन का नाम जलसिग उल उरापुजारी त्रिपति पोडियाम बंडारपाल आदि देव देवी का समावेश हुआ।
इस कार्यक्रम में तलान्ड़ी इस्तारी, उत्ता लिंगाराम, वाल्व मदनैया, शंकरलाल सडमेक, मिच्चा मुत्तेया, मरपल्ली किष्टया,दुब्बा बकैया, अनिल पामभोई, मड़े अशोक, संजय मरपल्ली, चिन्नाबाई टिंगे, वासम रामैया, मांझी इलैया, सवलम सन्टी, कोरम एलैया, शेखर वासम, यलाम रामु, पारेट बुधराम, कुमरम नागैया, चापा सरिता,काका महेंद्र, गोरला शंकर, यालम अचैया,मंडरा नागेश, चापा सुरेंद्र आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित हुए। बाहर से विधायक विक्रम मंडावी, लालू राठौर, बसंत ताटी,अफजल खान, इरशाद खान, मौजूद थे।
36 पंचायतों के 118 देवों का आगमन
ब्लॉक के 36 ग्राम पंचायत के 118 गांव के पेन का आगमन हुआ है। इस आयोजन करने के लिए गोंड समाज, मुरिया समाज, प्रधान समाज, के द्वारा प्रति घर से चूल्हा चंदा, के माध्यम से हर वर्ष यह कार्यक्रम किया जाता है। इस पेन करसाड का उद्देश्य आदिवासी रीति रिवाज परंपरा और संस्कृति को बचाना है। और नई पीढ़ी को अपने परिवार के कुलदेवी देवताओं का पहचान करना इसका प्रमुख उद्देश्य है। इन देव देवताओं का पूजा अर्थना कर क्षेत्र की खुशहाली होती है।