बीजापुर

नक्सलगढ़ के 32 गांव के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में ऊचाइयों तक पहुंचा रहे जगदीश
19-Feb-2024 1:53 PM
नक्सलगढ़ के 32 गांव के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में ऊचाइयों तक पहुंचा रहे जगदीश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

भोपालपटनम, 19 फरवरी। जिले के धुर नक्सल प्रभावित सेंड्रा इलाके के 32 गांवों के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में कड़ी मेहनत से ऊंचाईयों तक पहुंचाने का काम आश्रम शाला में पदस्थ अधीक्षक जगदीश तोर्रेम कर रहे है।

नेशनल पार्क एरिया सेंड्रा इलाके के बड़ेककलेड, छोटेककलेड, एडापल्ली, सेंड्रा, अन्नापुर, पल्सेगुंडी, पोककेर, चेरपल्ली, गरतुल, मुग्तुषा, जारेगुडा, आरेपल्ली, टेकमेंट्टा, मारवाड़, सप्पीमरका, पेनकुदुर, पुल्सगुंडम, पीलूर व अन्य 32 गांवों के बच्चे विस्तापित आश्रम शाला वरदल्ली में पढ़ाई कर अच्छी शिक्षा हासिल कर रहे है। इसका मुख्य कारण उस आश्रम शाला में पदस्थ जगदीश तोर्रेम है। उनके प्रयास व लगन मेहनत से आदिवासी बहुल इलाके के बच्चों को ब्लॉक में पहला स्थान पाकर 26 बच्चों का कंपीटिशन पेपर से सफलता पूर्वक नंबर हासिल करवाकर नवोदय विद्यालय में दाखिल करवाया है, और इतना ही नहीं 100 से अधिक बच्चे का उन्होंने एकलव्य आवासीय विद्यालय में एडमिशन करवा दिया है। उनके यह से 7 बच्चे रायपुर के जवाहर उत्कृष्ठ स्कूल में पढ़ाई के लिए भेजे गए है।

तोर्रेम ने बताया कि उनके कैम्पस में तीन आश्रम शालाएं संचालित हो रही है, जिनमें से उनके अंडर में पीलूर और एडापल्ली आश्रम है, और उसी बाउंड्री के अंदर अन्नापुर की आश्रम संचालित हो रही है, उनके अधीक्षक पीआर कुम्मा सर है उन तीन आश्रम शालाओं में 50-50 सीटों की संख्या है, लेकिन उनके यह 70-70 बच्चे अध्यनरत है।

2005 में नक्सलियों के विरोध में चलाए गए सलवा जुडूम के समय तीन शालाओं को वरदल्ली में विस्थापित किया गया था, उन सभी इलाके के बच्चे इन आश्रमों में निवास कर पढ़ाई कर रहे है।

26 बच्चों का नवोदय में एडमिशन, रायपुर भेजे 7 बच्चे

तीन आश्रम शालाओं में निवासरथ बच्चों में 26 बच्चों को नवोदय विद्यालय में एडमिशन के लिए सफलता पाने में कामयाबी मिली है, वहीं 7 बच्चों को रायपुर जवाहर उत्कृष्ठ स्कूल में भेजने कामयाबी हासिल की है।

छोटेककलेड का बच्चा भिलाई में कर रहा सिविल इंजीनियर

सेंड्रा के छोटेककलेड का होनहार बच्चा शीनू गोटा भिलाई में सिविल इंजीनियर की पढ़ाई कर रहा है, यह बच्चा पीलूर आश्रम में अध्यनरत था। शीनू एक छोटे से गांव में रहने वाला व गरीब परिवार से है, उनके माता-पिता खेती किसानी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

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