बीजापुर
आदिवासी बच्चों को आश्रमों में देने वाली सुविधाएं बदतर
मो. इमरान खान
भोपालपटनम, 22 फरवरी (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। आदिवासी विकास विभाग के जिले में संचालित आश्रम शालाओं की सुविधाएं बद से बदतर हो चुकी है। कई आश्रम शालाओं के भवनों की हालत जर्जर अवस्था में है। भोपालपटनम ब्लॉक के 31 आश्रमों में सरकार द्वारा दी गई फिल्टर मशीन कई दिनों से खराब पड़ी हुई है। अव्यवस्थाएं इस कदर है कि आश्रम शालाओं में एक अधीक्षक, एक शिक्षिका पदस्थ है।
इस संबंध में केएस मसराम, आयुक्त, आदिवासी विकास शाखा बीजापुर का कहना है कि पूरे जिले में कई आश्रम शालाओं में वाटर कूलर खराब पड़े हैं, जल्द मैकेनिक को बुला कर ठीक किया जाएगा, धीरे-धीरे व्यवस्था सुधरेगी।
50 और 100 सीटों की क्षमता वाले आदिवासी आश्रम का हाल काफी बुरा हो चुका है। पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चे एवं बच्चियां इस आश्रम में रहकर पढ़ाई करती हैं।
पीलूर, अन्नापुर, एडापल्ली आश्रम में सौर ऊर्जा खराब हो चुकी है। इसके अलावा ब्लॉक के दर्जन भर आश्रमों में सौर ऊर्जा प्लांट खराब पड़ा हुआ है। बरसात के मौसम व अंदरूनी इलाके के संस्थाओं में बिजली की आपूर्ति कम रहती है, ऐसे में बच्चों को अंधेरे में रात गुजारनी पड़ती है।
जर्जर भवन में छोटे-छोटे बच्चों को मजबूरन रखना पड़ रहा है। आश्रमों में सुरक्षा के नियमों को भी ताक में रखकर संचालन किया जा रहा है, सीसीटीवी कैमरे नहीं है, कुछ अधीक्षकों ने कैमरा लगाने की बात पर चर्चा भी की है।
पटनम ब्लॉक के सभी 31 आश्रम शाला एवं पोस्ट मैट्रिक शाला, प्री-मैट्रिक शालाओं में फिल्टर पानी की मशीन बन्द पड़ी हुई है। तीन आश्रम शालाओं में पीलूर की आश्रम अति जर्जर अवस्था में है, सोलर पैनल बंद पड़े हुए हंै। कई आश्रमों की बिल्डिंग खराब अवस्था में है।
शिक्षकों की कमी
पीलूर, एडापल्ली, अन्नापुर आश्रम शालाओं में 210 बच्चे अध्यनरत हैं, जिनके लिए पांच शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इनमें पहली से लेकर पांचवीं तक के बच्चे पढ़ाई करते हैं। अन्नापुर में एक शिक्षक पदस्थ है। पीलूर में दो और एडापल्ली में दो शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हंै।
कन्या आश्रम वरदल्ली में 100 बच्चे हंै, वहीं एक अधीक्षक और एक शिक्षक पदस्थ हंै। कन्या आश्रम दुधेड़ा में 70 बच्चे हैं, यहां एक अधीक्षक, एक शिक्षक पदस्थ है। कन्या पेगड़ापल्ली में 50 बच्चे हैं, यहां भी एक अधीक्षक एक शिक्षक पदस्थ हंै।
तीन माह से स्वास्थ्य परिक्षण के लिए नहीं आई टीम
पांच दिसम्बर के बाद से स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कोई टीम पीलूर, एडापल्ली के आश्रम शालाओं तक नहीं पहुंची है। अधीक्षक ने बताया कि यहां के बच्चे बीमार होते हैं, तो उन्हें फास्टेड बॉक्स से दवाइयां खिलानी पड़ रही है। बच्चों का कम से कम महीने में एक बार मेडिकल चेकअप होना है। यहां आसपास ऐसी सुविधा भी नहीं है। ज्यादा समस्या होने पर भोपालपटनम जाना पड़ता है।