बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 29 फरवरी। मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल के प्राचार्य और उप प्राचार्य पर शिक्षकों ने मानसिक प्रताडऩा और सरकारी संपत्ति बेचने के गंभीर आरोप लगाते हुए कर्मचारी संघ को आवेदन लिखा है।
शिक्षकों ने शासकीय कर्मचारी संघ को लेटर लिखकर अपनी पीड़ा सुनाई है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें प्राचार्य द्वारा स्कूल में मानसिक रूप से प्रताडि़त शोषण किया जाता है। उनका कहना है कि वे प्राचार्य एवं उप- प्राचार्य के कार्य व्यवहार से संतुष्ट नहीं है। उनके विद्यालय में अन्य विद्यालयों से कार्य प्रणाली में बदलाव किया जाता है। शिक्षक एवं शिक्षकाओं को बच्चों के सामने जलील किया जाता है। शिक्षक - शिक्षकाओं के द्वारा कुछ भी बोलने पर यहाँ नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दी जाती है।
उनका कहना है कि वे दूर-दराज से यहाँ आकर नौकरी करके अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हंै। आठ महीनों से वेतन न मिलने पर भी हम अपना कार्य इमानदारी पूर्वक कर रहे हैं, इसके बावजूद भी शिक्षक-शिक्षकाओं को मानसिक प्रताडऩा का शिकार होना पड़ रहा है।
इस मामले में छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने कलेक्टर को पत्र के माध्यम से मांग की है कि इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई कर पीडि़त पक्ष को न्याय दिलाएं।
सरकारी संपत्ति बेचने का लगाया आरोप
शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि स्कूल की शासकीय संपत्ति प्रिंसिपल बेच रहे हैं। इनका आरोप है कि खिडक़ी दरवाजे, पंखा, लोहे का रॉड जिसमें लाखों रुपयों का हेरा-फेरी की है। उनका आरोप है कि कम्प्यूटर एंटी वायरस के नाम पर गबन किया गया हैं।
बच्चों से फीस के नाम पर पैसे हेंठे
शिक्षको का आरोप है कि प्रिंसिपल द्वारा बच्चो से प्रायोगिक व वार्षिक परिक्षा के नाम पर दसवीं तथा बारहवीं के प्रत्येक विद्यार्थियों से 500 रुपये की वसूली की गई है। स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्रता दिवस के नाम पर प्राथमिक एवं माध्यामिक मध्यान्ह भोजन समूहों से पंद्रह- बीस हजार रुपये तथा बालक आश्रम के अधीक्षक से भी पंद्रह हजार रुपये लिए जाने की शिकायत की है
आठ माह से नहीं मिला वेतन
टीचरों ने बताया कि उन्हें आठ माह से वेतन नहीं मिला है। जैस- तैसे वे दूर से आकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वेतन नहीं मिलने की वजह से घर से पैसे मांगने पढ़ रहे हंै। ऊपर से प्राचार्य का अलग से टेंशन झेलना पड़ रहा है।
इम मामले में प्राचार्य का कहना है कि मेरे खिलाफ षडयंत्र रचा जा रहा है। मेरे द्वारा स्कूल में नियमों का पालन करने को कहा जाता है, टाइम से आने की हिदायत दी जाती है, लेकिन टीचर लेट से आते हंै। उन्हें जल्दी आने को कहा जाता है तो वो नाराज हो जाते हैं। मेरे खिलाफ जो आरोप हैं, वो सभी निराधार है, उसकी जांच चल रही है और जितने भी टीचर मेरे खिलाफ लिखकर दिए है वो सब 89 डे वाले टीचर्स हैं।