बीजापुर
एसएमसी को सक्रिय कर सौ फीसदी की जाएगी बच्चों की उपस्थिति
अंतिम मूल्यांकन में सभी बच्चों का उपस्थित होना अनिवार्य
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 3 मार्च। जिले में पुन: संचालित स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति और नियमित कक्षा संचालन को लेकर बीजापुर और भैरामगढ़ मे एपीसी और नोडल अधिकारी मोहम्मद ज़ाकिर खान द्वारा समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में शिक्षार्थ के ऑपरेशन हेड, संकुल समन्वयक, प्रधान अध्यापक, शिक्षादूत, प्रोग्राम लीडर और फील्ड कोआर्डिनेटर शामिल हुए।
कलेक्टर अनुराग पाण्डेय के निर्देश पर जिले में पुन: संचालित स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग और बच्चों की उपस्थिति को लेकर व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं। पुन: संचालित शालाओं मे शिक्षार्थ ट्रस्ट के माध्यम से 100 स्कूलों में बुनियादी शिक्षा की दक्षताओं को बढ़ाने और बच्चों के ठहराव में वृद्धि करने समीक्षा की गई। मॉनिटरिंग किये गये स्कूलों की रिपोर्ट के आधार पर बीजापुर और भैरामगढ़ में 100 स्कूलों की संचालन की समीक्षा एपीसी जाकिर खान द्वारा की गई।
समीक्षा में शिक्षादूत और बच्चों की नियमित उपस्थिति के साथ अध्यापन के गतिविधि पर फोकस किया गया। तीन महीने की मासिक रिपोर्ट को आधार बनाकर एक-एक स्कूल की रिपोर्ट कार्ड पर चर्चा कर जवाब-तलब किया गया। बीजापुर ब्लॉक के काकेकोरमा, पालनार, मुनगा स्कूल मे बच्चों की कम उपस्थिति पर नाराजग़ी व्यक्त कर एक सप्ताह में शत प्रतिशत उपस्थिति लाने का लक्ष्य दिया गया। भैरामगढ़ ब्लॉक में कुपरेल, हुर्रागवाली रोमनपारा मदपाल मे औसत उपस्थिति 40 प्रतिशत पाये जाने पर प्राथमिकता से सभी बच्चों को स्कूल लाने विशेष प्रयास करने कहा गया। सभी संस्थाओं मे संकुल समन्वयक, फील्ड कोर्डिनेटर, प्रधान अध्यापक और शिक्षादूत सामूहिक जिम्मेदारी के साथ बच्चों को स्कूल लाने में भूमिका निर्वहन करने कार्ययोजना बनाई गई।
सभी पुन: संचालित स्कूल मे शाला प्रबंधन समिति को सक्रिय कर बच्चों को स्कूल से जोडऩे का कार्य मिशन स्तर पर करने की योजना को मूर्त रूप देने कहा गया। पलायन, मजदूरी और पंडूम (त्योहार) जैसे कारण बच्चों की शिक्षा मे बाधक न बने, इसके लिए एसएमसी की भूमिका प्रभावी बनाने विशेष प्रयास करने कहा गया।
समीक्षा में शिक्षार्थ के ऑपरेशन हेड मोहित देव ने ट्रस्ट के माध्यम से किये गये मॉनिटरिंग, प्रोजेक्ट वर्क और लर्निंग आउटकम्स की रिपोर्ट देकर प्रत्येक संस्था मे किये गये गतिविधि से अवगत कराया।
अंत में प्रोग्राम लीडर कपिल मोरला, सुमन जैन, लोकेश कुंजाम को जिम्मेदारी दी गई कि वे सभी फील्ड कोर्डिनेटर के साथ योजना अनुरूप सीएसी और प्रधान अध्यापक से समन्वय कर शत प्रतिशत उपस्थिति के लक्ष्य को एक सप्ताह मे पूर्ण करेंगे।